शर्त
#शर्त
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा। इतना कह कर वह घर चला गया खाना खाने के बाद उसने कुछ देर आराम किया क्योंकि गर्मी का दिन था सूरज सर पर सवार था तपति दुपहरी और कड़कड़ाती धूप मेl घर से बाहर निकलना मुश्किल था भीषण गर्मी के कारण पूरे गांव में सन्नाटा था लोग घरों में आराम कर रहे थे चंदन भी बाहर नहीं जाना चाहता था मगर उसने आनंद से शर्त लगाई थी कि वह आज हवेली के बगीचे से 10 आम तोड़कर लएगा इसलिए गर्मी की चिंता किए बिना वह घर से बाहर निकला और हवेली के पीछे बने बगीचे की तरफ चल पड़ा चिलचिलाती धूप में उसका शरीर तवे की तरह तपने लगा उसका दिल कर रहा था कि वह वापस घर जाकर आराम करे मगर मजबूरी थी अगर वह आनंद से शर्त ना लगाता तो इस धूप में घर से बाहर ना निकलता 10 मिनट चलने के बाद वह बगीचे में पहुंच चुका था बगीचे के चारों तरफ ऊंची ऊंची सीमेंट की बाउंड्री थी बगीचे के अंदर...
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा। इतना कह कर वह घर चला गया खाना खाने के बाद उसने कुछ देर आराम किया क्योंकि गर्मी का दिन था सूरज सर पर सवार था तपति दुपहरी और कड़कड़ाती धूप मेl घर से बाहर निकलना मुश्किल था भीषण गर्मी के कारण पूरे गांव में सन्नाटा था लोग घरों में आराम कर रहे थे चंदन भी बाहर नहीं जाना चाहता था मगर उसने आनंद से शर्त लगाई थी कि वह आज हवेली के बगीचे से 10 आम तोड़कर लएगा इसलिए गर्मी की चिंता किए बिना वह घर से बाहर निकला और हवेली के पीछे बने बगीचे की तरफ चल पड़ा चिलचिलाती धूप में उसका शरीर तवे की तरह तपने लगा उसका दिल कर रहा था कि वह वापस घर जाकर आराम करे मगर मजबूरी थी अगर वह आनंद से शर्त ना लगाता तो इस धूप में घर से बाहर ना निकलता 10 मिनट चलने के बाद वह बगीचे में पहुंच चुका था बगीचे के चारों तरफ ऊंची ऊंची सीमेंट की बाउंड्री थी बगीचे के अंदर...