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बड़ी हवेली (डायरी - 10)
मैं कमांडर की आवाज़ सुन कर जाग गया। एक ग्लास पानी पीने के बाद मैंने उससे कहा "आ गए मी लॉर्ड, अब आगे की कहानी तो सुना दीजिए सरकार"।

"ओ! प्रोफेसर कहानी सुनना है, ब्रिटिश गवर्नमेंट का ख़ज़ाना चुरा लिया डॉक्टर के साथ मिलकर, अब कहानी सुनकर कोहिनूर पर हाँथ साफ़ करना चाहता है, सुना है तुम्हारा इस टीम में एक धोखेबाज भी है पर तुमको उसका परवाह नहीं है ", कमांडर ने मुझसे पूछा।

" अरे उसका तो पता मैं लगा लूँगा आप तो बस कहानी सुनाओ", मैंने कमांडर से कहा।

" ठीक है, बताता है सुनो, अर्जुमंद का पैदाइश था 27 अप्रैल, 1593 का था। बेइन्तहा खूबसूरत था वो। बला का हसीना। कहते हैं शाहजहां ने पहला बार अर्जुमंद को आगरा का मीना बाज़ार का किसी गली में देखा था। उसका अनहद खूबसूरती देख शाहजहां को पहला नज़र में उससे प्यार हो गया।

शाहजहां और अर्जुमंद का शादी में कोई दीवार नहीं था इसलिए 14 साल का अर्जुमंद और 15 साल का खुर्रम (शाहजहां का शुरुआती नाम) का सगाई हो गया, यह साल 1607 का बात है ।

फिर 10 मई, 1612 को सगाई का करीब पांच साल और तीन महीना बाद इन दोनों का निकाह हुआ। निकाह के समय शाहजहां का उम्र 20 बरस और तीन महीने था। अर्जुमंद था 19 साल और एक महीने का। उस ज़माने का बच्चा बच्चा लोगों को उन दोनों का कहानी मालूम था।...