...

9 views

Har dost Zarori hain
*एक सुन्दर संदेश..*

एक आदमी, जो हमेशा अपने दोस्तों के साथ घुल मिल कर रहता था और उनके साथ बैठकें करता था, अचानक बिना किसी को बताए सबसे मिलना जुलना बंद कर दिया।

कुछ सप्ताह पश्चात् एक बहुत ही ठंडी रात में उस ग्रुप के नेता ने उससे मिलने का फैसला किया।

वह नेता उस आदमी के घर गया और पाया कि आदमी घर पर अकेला ही था। एक गोरसी में जलती हुई लकड़ियों की लौ के सामने बैठा आराम से आग ताप रहा था। उस आदमी ने आगंतुक नेता का बड़ी खामोशी से स्वागत किया।

दोनों चुपचाप बैठे रहे। केवल आग की लपटों को ऊपर तक उठते हुए ही देखते रहे।

कुछ देर के बाद आगंतुक ने बिना कुछ बोले, उन अंगारों में से एक लकड़ी जिसमें लौ उठ रही थी (जल रही थी) उसे उठाकर किनारे पर रख दिया। और फिर से शांत बैठ गया।

मेजबान हर चीज़ पर ध्यान दे रहा था। लंबे समय से अकेला होने के कारण मन ही मन आनंदित भी हो रहा था कि वह आज अपने ग्रुप के एक मित्र के साथ है।

लेकिन उसने देखा कि अलग की हुए लकड़ी की आग की लौ धीरे धीरे कम हो रही है। कुछ देर में आग बिल्कुल बुझ गई। उसमें कोई ताप नहीं बचा। उस लकड़ी से आग की चमक जल्द ही बाहर निकल गई।

कुछ समय पूर्व जो उस लकड़ी में उज्ज्वल प्रकाश था और आग की तपन थी वह अब एक काले और मृत टुकड़े से ज्यादा कुछ शेष न था।

इस बीच.. दोनों मित्रों ने एक दूसरे का बहुत ही संक्षिप्त अभिवादन किया, कम से कम शब्द बोले।

जानें से पहले नेता ने अलग की हुई बेकार लकड़ी को उठाया और फिर से आग के बीच में रख दिया। वह लकड़ी फिर से सुलग कर लौ बनकर जलने लगी, और चारों ओर रोशनी और ताप बिखेरने लगी।

जब मित्र नेता को छोड़ने के लिए मेजबान दरवाजे तक पहुंचा तो उसने मित्र से कहा : आप मेरे घर आकर मुलाकात करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

आज आपने बिना कुछ बात किए ही एक सुंदर पाठ पढ़ाया है। अब मैं अकेला नहीं हूं। जल्द ही ग्रुप में लौटूंगा।

प्रश्न..
नेता ने क्यों बुझाया उस एक लकड़ी की आग को..?

बहुत सरल है समझना..
ग्रुप का प्रत्येक सदस्य महत्वपूर्ण होता है। कुछ न कुछ विशेषताएं हर सदस्य में होती है। दूसरे सदस्य उनकी विशेषताओं से उर्जा प्राप्त करते हैं। आग और गर्मी के महत्त्व की सीख लेते हैं और देते हैं।

इस ग्रुप के सभी सदस्य भी लौ का हिस्सा हैं। कृपया.. एक दूसरे की लौ जलाए रखें ताकि एक मजबूत और प्रभावी ग्रुप बने।

* *ग्रुप * * IS * * ALSO * * A * * FAMILY**

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कभी कभी इतने सारे मेसेजेस आ जाते हैं। मेरा सुझाव है कि आपस में चैटिंग भी होनी चाहिए। जन्मदिन, सालगिरह, पढ़ाई, कार्यक्षेत्र या अन्य किसी भी सफलता में एक दूसरे को बधाई संदेश आदि देना भी ग्रुप का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे अपनाएं। हम यहां मिलने, सीखने, विचारों का आदान-प्रदान करने या यह समझने के लिए हैं कि हम अकेले नहीं हैं।

आइए लौ को और भी ज्यादा प्रज्वलित करें। इस परिवारिक ग्रुप के साथ जीवन को और भी सुंदर बनाए।
🙏जय जिनेन्द्र🙏