mujhe khna nhi aata par btata jrur hu
किसी को क्या खबर यहाँ क्यों चला आता था
जो अख्तियार से परे था उसे भुलाने आता था!
ना नजर रखो मुझ पे मेरे अहबाब मेरे दुश्मन
जो मैं नहीं वही सबको बताने आता था!
रफ्तार तेज थी कभी पर जब मैं थकने...
जो अख्तियार से परे था उसे भुलाने आता था!
ना नजर रखो मुझ पे मेरे अहबाब मेरे दुश्मन
जो मैं नहीं वही सबको बताने आता था!
रफ्तार तेज थी कभी पर जब मैं थकने...