उदासी
सुबह और शाम में बहुत फ़र्क़ होता है। मगर यह फ़र्क़ हर एक को नज़र नहीं आता। यह फ़र्क़ केवल उदास इंसान ही समझ सकते हैं।
किसी उदास इंसान के लिए सुबह भी उदास होती है। उसमें उसे कुछ नया नहीं दिखता...
किसी उदास इंसान के लिए सुबह भी उदास होती है। उसमें उसे कुछ नया नहीं दिखता...