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बड़ी हवेली (डायरी - 12)
कमांडर आगे बताता है "औरंगजेब कभी कभी अपना शाही परिवार का बात बताया करता था हमको याद आया कि एक बार उसने कहा था" जानते हो ब्राड शॉ हमारा वालिद बचपन में बताया करता था कि हमारा दादा जानी जहाँगीर उससे कहा करता था कि" एक हीरा का कीमत एक लठ होता है, जिसके हाँथ में लाठी (ताकत) होता है हीरा उसका ही होता है," अब किस्मत का बात देखो कोहिनूर भी उसका ही पास गया जिसके पास ताकत था, जो लोगों पर हुकूमत कर सकता था, कहानी जैसे जैसे आगे बढ़ता जाएगा, प्रोफेसर तुमको ये हकीकत पता चलेगा कि तकदीर कैसा बाज़ी पलट देता है। हम लोग सोचता कुछ और है लेकिन होता या निकलता कुछ और है।

ऐसा खास तौर पर दौलत के मामले में होता है, जहाँ बेइंतहा दौलत का भंडार हो वहां उस पर खराब करने वाला का नीयत भी लगा रहता है, कभी कभी छोटा मोटा योजना सफल हो जाता है लेकिन कभी कभी बड़े हादसे का रूप ले लेता है।

आनेवाले कुछ दिनों बाद मुग़ल सल्तनत को एक करारा झटका लगने वाला था लेकिन उससे पहले हर जगह बादशाह का सालगिरह का तैयारी चल रहा था। नगरों को दुल्हन का तरह सजाया जा रहा था। सारे शाही परिवारों को न्योता भेजने का काम ज़ोरों पर था। देश विदेश का मांझा हुआ कलाकारों को बुलवाया गया था महफिल का शान बढ़ाने के लिए। यही मौका था जब एक...