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Natural love 💕😍
है अटकी निशा उसके बालों पे
है चढ़ती-उतरती सुबह गालों पे

मैं, मैं नहीं, ना अपनाया अभी
फिर हुआ कैसे कब्ज़ा ख़यालों पे

शालीनता उसकी भा गई मुझे
वो पल एक वज़्नी सालों पे

चंचल चितवन जैसे श्याम घटा
टपके बूँद आए सकून छालों पे

छू ले गाल झुमका, मरूॅं जलन से
लग जाए चाबी दिल के तालों पे

बैठ जाऊॅं यदि ख्याली सोफे पे
जाता हूॅं उलझ इश्क जालों पे

उसकी मीठी साँसें हैं शायरियॉं
लिखूँ क्या पन्नों की दीवालों पे

सोम मंगल बुध आए न चैन
वो छुट्टी सी, दे शांति इतवारों पे

हूँ उसे नापसंद, न मानूँ ऐसा
कहे कुछ आए जवाब सवालों पे।

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बस प्यार ही मांगा तुमसे..
अहसान नहीं करना..
कभी जो भर जाए दिल तुम्हारा..
उसी घड़ी मुझको छोड़ देना..
तुम्हे कसम है उस खुदा की..
हस के मेरा दिल तोड़ देना..!

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