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जमीन (भाग -४-)
मन में लिए गए फैसले के मुताबिक, रामानुज ने कोर्ट में जमीन के अपने हिस्से के लिए याचिका डाल दी। मां और बहन सारिका ने बहुत मना किया था,किंतु उसने अपनी मां और सारिका को समझा दिया था ‌कि कोर्ट का खर्च वह होम ट्यूशन से मिले पैसों से वहन करेगा जिस पर दोनों मान गये थे। इसलिए उसने शहर के नामी-गिरामी वकील ओम प्रकाश मिश्रा को पूरे केस के लिए चुना था।
याचिका की पहली सुनवाई सोमवार को होनी थी।
आज बुधवार था।सारिका कार्यालय पहुंच गई। जमीन से संबंधित फाइल जिला अधिकारी के कार्यालय से टिप्पणी द्वारा उसके आफिस भेज दी गई थी जो उसे आज प्राप्त हुई। उसने फाइल पर तहसीलदार को आवेदक के जमीन संबंधी स्वामित्व के बारे में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को लिख दिया।
सारिका ने दो दिन बाद तहसीलदार को बुलाकर इस फ़ाइल की रिपोर्ट के बारे में जानकारी मांगी।
तहसीलदार ने बताया कि पटवारी ने अपनी बेेटी के विवाह के लिए मंगलवार तक अवकाश का आवेदन किया है।
सारिका:-, कोई बात नहीं।
मुझे बुधवार को फाइल अपनी रिपोर्ट के साथ अवश्य दे देना और सारिका अपने अन्य काम में लग गई।
समय अपनी गति से बढ़ता रहा।
सोमवार को माननीय जिला न्यायाधीश ने उन के ताऊ हर दयाल और तहसीलदार को ८फ़रवरी को जमीन संबंधी दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत होने को समन जारी कर दिए। पूरे एक महीने का समय दिया गया था।
समन तहसीलदार को अगले ही दिन तामील करा दिये गये। तहसीलदार ने पटवारी को अपनी रिपोर्ट लिखने को लिख दिया।
बुधवार को कार्यालय पहुंचकर पटवारी ने रिकॉर्ड देखकर फाइल और समन पर अपनी रिपोर्ट पेश कर दी। उसने स्पष्ट लिखा कि जमीन पर आवेदनकर्ता का स्वामित्व नहीं है।
तहसीलदार ने जमीन वाली फाइल पर अपनी रिपोर्ट और समन की प्रतिलिपि भी लगा कर वह फाइल आगे एस.डी. एम.को भेज दी। समय बीतता गया।
८ फरवरी को कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बहस के लिए १ मार्च को तीनों को प्रस्तुत होने को कहा।१ मार्च को दोनों
पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला न्यायाधीश ने विवादित भूमि पर अगले फैसले तक स्टे देते हुए प्रशासन को २८, मार्च को प्रस्तुत होने को कहा।
२७ मार्च का दिन श..........
शायद यह दिन उनके लिए भाग्यशाली था।
ईश्वर भी रामानुज का साथ दे रहा था।११.४० बजे उनका नंबर आया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने जमीन की यथास्थिति बहाल करने के लिए स्टे दे दिया और प्रशासन को अगले फैसले तक कोई कार्रवाई न करने के लिए रोक दिया।
शाम को ‌रामानुज घर पहुंचा और सारी बात बता दी।
सारिका ,रामानुज , सुशील और उसकी मां बहुत प्रसन्न हुए।आज उन्होंने‌ जमीन के संबंध में ‌जीत हासिल कर ली थी।

‌‌..............., समाप्त........।।।।


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