जरूरत...
ये मै क्यूं लिख रही हूं...
इसकी एक वजह है.…
वो ये की अक्सर हमें सिखाया जाता है कि उसकी हमेशा मदद करो जिसे आपकी जरूरत हो.....
ना कि उसकी जिसकी आपको जरूरत हो..मै आपसे एक बात कह रही हूं जो मैंने महसूस की शायद आप भी करोगे......
एक दिन मै कहीं गई थी और एक चौराहे के किनारे खड़ी थी...मैंने देखा कि एक जूस वाले अंकल अपना ठेला लगाए बैठे हुए थे और आते जाते हर आदमी को ऐसे देख रहे थे जैसे...
इसकी एक वजह है.…
वो ये की अक्सर हमें सिखाया जाता है कि उसकी हमेशा मदद करो जिसे आपकी जरूरत हो.....
ना कि उसकी जिसकी आपको जरूरत हो..मै आपसे एक बात कह रही हूं जो मैंने महसूस की शायद आप भी करोगे......
एक दिन मै कहीं गई थी और एक चौराहे के किनारे खड़ी थी...मैंने देखा कि एक जूस वाले अंकल अपना ठेला लगाए बैठे हुए थे और आते जाते हर आदमी को ऐसे देख रहे थे जैसे...