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जैसे विचार वैसा चरित्र
‘जैसा इंसान अपने दिमाग में सोचता है, वैसा ही वह होता है।’ यह बात मनुष्य के समूचे अस्तित्व पर लागू होती है। यह उसकी जिंदगी की हर स्थिति और हर परिस्थिति पर लागू होती है।

इंसान वाकई वैसा ही होता है, जैसा वह सोचता है। उसका चरित्र उसके सभी विचारों का महायोग होता है। उसका जीवन उसके सभी विचारों का महायोग होता है। इसलिए अगर आप अपने जीवन को बदलना चाहते हैं, तो सबसे पहले तो आपको अपने विचारों को बदलना होगा।

जब तक आप अपने विचारों को नहीं बदलेंगे, तब तक आपका जीवन नहीं बदल सकता।

इसे ज़्यादा अच्छी तरह समझाने के लिए हम खेती की उपमा लेते हैं। हम जानते हैं कि बीज से पौधा उगता है और बिना बीज के कोई पौधा पैदा नहीं हो सकता। इसी तरह विचार वह मानसिक बीज है, जिसके बिना सक्रियता का पौधा नहीं उग सकता और कर्म का फूल नहीं लग सकता gyaanibaba.in.net