लकड़सुंघा
यह शब्द सुनते ही मेरे दृष्टी पटल पर एक लंबा सा आदमी जिसके पास एक लकड़ी,हाथ में बड़ा सा थैला,और बच्चों को लुभाने के लिए बिस्कुट, चॉकलेट जैसे चीज़ें होती थी वैसा रुप दिखाई देने लगता है।
"लकड़सुंघा" या लकड़सुंघवा ये शब्द हमारे गांव के क्षेत्रीय भाषाओं से लिया गया है, अगर आप हिंदी बोलते हैं या समझते तो आप इस शब्द को कुछ कुछ ज़रूर समझ गए होंगे की मैं किसके बारे में बात कर रहा हूं,
हालांकि मैंने तो उसे नहीं देखा है उनके बारे में ज़रूर सुना है मेरे चाचा बताते थे के वो एक आदमी होता है जो बच्चों को किसी बहाने से बुलाता था उसे लुभाता था, उन्हे कोई खाने की चीज़े देकर उस बच्चे को लकड़ी सुंघाता था जिससे वह बच्चा बेहोश हो जाता और उस बड़े थैले में से बोरी निकालकर उसमें बच्चे को लेकर भाग जाता था।
अक्सर हम लोग खेलते खेलते घर से इधर उधर चले जाते थे अब मां खोजते खोजते परेशान शायद उन्हें डर होता की लकड़सुंघा कहीं लेके चला न जाए या किसी अनजान गली में जाकर खो न जाए खैर मां तो मां होती है।
एक दिन मैंने मां से पूछ ही लिया ये लकड़सुंघा आखिर बच्चों को क्यों पकड़ते हैं और उनका क्या करते है ? मां ने बड़ी गंभीरता से कहा उस बच्चे को मारकर पुल की नींव में डाल दिया जाता है, फिर मैने पूछा पर ऐसा क्यों, ऐसा करने से क्या मिलता है उसे ? (मैने रुआंसे स्वर में कौतुखलवश पूछा) तो जवाब मिला की ऐसा करने से वह पुल 100...
"लकड़सुंघा" या लकड़सुंघवा ये शब्द हमारे गांव के क्षेत्रीय भाषाओं से लिया गया है, अगर आप हिंदी बोलते हैं या समझते तो आप इस शब्द को कुछ कुछ ज़रूर समझ गए होंगे की मैं किसके बारे में बात कर रहा हूं,
हालांकि मैंने तो उसे नहीं देखा है उनके बारे में ज़रूर सुना है मेरे चाचा बताते थे के वो एक आदमी होता है जो बच्चों को किसी बहाने से बुलाता था उसे लुभाता था, उन्हे कोई खाने की चीज़े देकर उस बच्चे को लकड़ी सुंघाता था जिससे वह बच्चा बेहोश हो जाता और उस बड़े थैले में से बोरी निकालकर उसमें बच्चे को लेकर भाग जाता था।
अक्सर हम लोग खेलते खेलते घर से इधर उधर चले जाते थे अब मां खोजते खोजते परेशान शायद उन्हें डर होता की लकड़सुंघा कहीं लेके चला न जाए या किसी अनजान गली में जाकर खो न जाए खैर मां तो मां होती है।
एक दिन मैंने मां से पूछ ही लिया ये लकड़सुंघा आखिर बच्चों को क्यों पकड़ते हैं और उनका क्या करते है ? मां ने बड़ी गंभीरता से कहा उस बच्चे को मारकर पुल की नींव में डाल दिया जाता है, फिर मैने पूछा पर ऐसा क्यों, ऐसा करने से क्या मिलता है उसे ? (मैने रुआंसे स्वर में कौतुखलवश पूछा) तो जवाब मिला की ऐसा करने से वह पुल 100...