बावरे नैना !!
बावरे नैना भर रहे रात भर,
सोये जागे जागे सोये जाने किस बात पर,
मन खुश भी है बेचैन भी,
उल्जन कैसी दिन रेन की,
अब तू ही आके बोल कान्हा गांठे सारी खोल,
तू जो कह दे चल जाओ इस आग पर,
मन चाहे पंख लगाकर सारी खुशियां ये पा कर कही उड़ जाऊ,
इन मुस्कानो पे मेरा अधिकार है क्या सोचु मैं डर जाऊ,
हस्ते...
सोये जागे जागे सोये जाने किस बात पर,
मन खुश भी है बेचैन भी,
उल्जन कैसी दिन रेन की,
अब तू ही आके बोल कान्हा गांठे सारी खोल,
तू जो कह दे चल जाओ इस आग पर,
मन चाहे पंख लगाकर सारी खुशियां ये पा कर कही उड़ जाऊ,
इन मुस्कानो पे मेरा अधिकार है क्या सोचु मैं डर जाऊ,
हस्ते...