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The big dreams ✨❤️
एक भिखारी के दो पुत्र थे🫂। उस भिखारी ने अपने दोनों पुत्रों के हाथ में एक-एक सूखी रोटी थमाई। और कहां की तुम अपने भविष्य में कैसा खाना खाना चाहते हो यह सोचकर इन रोटियो को खाओ। तभी उसका बड़ा पुत्र,🤷 अपने हाथ में से रोटी को तोड़ते हुए रोटी के ऊपर लगाकर खाने लगा। और दूसरा पुत्र🙇 उस रोटी को तोड़कर जमीन से लगाकर खाने लगा। उस भिखारी ने अपने बड़े पुत्र से पूछा कि तुम रोटी से रोटी लगाकर क्यों खा रहे हैं तो उसने कहा बाबा मैं महसूस कर रहा हूं कि मेरी रोटी के ऊपर चटनी है। और उसके पिता ने अपने छोटे पुत्र से पूछा कि तुम रोटी को जमीन से लगाकर क्यों खा रहे हो। तो उसके छोटे पुत्र ने कहा बाबा मैं रोटी को जमीन से लगाकर इसीलिए खा रहा हूं क्योंकि मैं यह महसूस कर रहा हूं कि मेरे सामने शाही थाली है। कुछ बरसों बाद बड़े पुत्र की स्थिति वैसी ही रहती है जैसी पहले थी। परंतु छोटे पुत्र के पास शाही थाली तो नही थी। लेकिन वो सादा रोटी सब्जी खाने लगा था। ✨❤️

👉इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि जरूरी नहीं है छोटे सपने देखने से वह पूरे होंगे बल्कि अगर हम सपने बड़े देखेंगे तो छोटे तो हमारे अपने आप ही पूरे हो जाएंगे। 👍
© वंदना लोधी