सत्यदर्शन
भरतखंड सिर्फ एक खंड नहीं बल्कि एक दिव्य चेतन देवभूमि है,था और रहेगा। नित्य अनंत सनातन संस्कृत, संस्कार एवं समत्वदर्शित संस्कृति परम्पराओं का अद्भुत,अनन्य तथा अगोचर सुजलाम सुफलाम वसुधैव कुटुंबकम्
भव्य भारत भूमि।
कुछ मन्वंतर पहले यहां पतंजलि नाम के एक महान ऋषि थे। जिन्होंने "पतंजलि" योगसूत्र कि रचना कि थी। ऐसे महान योगऋषि पतंजलि।
एक दिन ऋषि अपने कुटिया के पास पेड़ के नीचे शांतचित्त होकर बैठे थे।तब वहां से गुजर रहे एक किसान उनकी...
भव्य भारत भूमि।
कुछ मन्वंतर पहले यहां पतंजलि नाम के एक महान ऋषि थे। जिन्होंने "पतंजलि" योगसूत्र कि रचना कि थी। ऐसे महान योगऋषि पतंजलि।
एक दिन ऋषि अपने कुटिया के पास पेड़ के नीचे शांतचित्त होकर बैठे थे।तब वहां से गुजर रहे एक किसान उनकी...