मेरी धड़कन।
इतने साल हो गये मगर आज भी जब कभी मैं अपने घरों की ओर आने वाली उन गलियों से गुज़रती हूँ तो मेरी धड़कनें ठीक उसी तरह अपनी रफ्तार बढ़ा लेती हैं जैसे कि कुछ सालों पहले बढ़ जाया करती थी उसे अपने पीछे आता देख कर। उसका मेरी ओर आना अजीब भले लगे मगर फिर भी कुछ अलग ही बेकरारी...