...

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वह सांस चुराने आई थी।🍂
एक प्रलय भयंकर आई थी,
छू कर जग को मुस्काई थी।
खिलते जीवन के सीने से,
वह सांस चुराने आई थी।

हर ओर ही था मातम पसरा,
हर ओर था हाहाकार मचा।
उसके मौन शिकंजे से,
न था कोई परिवार बचा।

ले गई कई तरुवर...