...

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ये 2 पैसे😔
आज एक छोटी सी कहानी लेकर आई हूँ।
उम्मीद है,आपको पसन्द आएगी😊🙏

तो बात उन दिनों की है,जब 5साल का सोहन बाजार जाने के वक़्त माँ से 2 पैसे मांग रहा था।
लेकिन माँ मना कर रही थी,क्योंकि बापु के लिए दवा जरूरी थी।

इतनी मेहनत कर कुछ पैसे ही जुटा पायी थी,
मुनीम को दिखाना जरूरी था।
खाँसी पीछा ही नही छोड़ रही थी,मुराली लाल की।

और सोहन रोये जा रहा था,क्योंकि सब दोस्त उसके कुछ ना कुछ खिलोने लेंगे बाजार से।।

और सोहन के पास तो कोई भी खिलौना नही है।
माँ बापू समझते थे,पर क्या कर सकते थे।
बापु जब काम के लिए जाते थे,तब घर अच्छे से चलता था,पर अब माँ अकेले क्या क्या करती।

दुसरे के घर में बर्तन धोने का काम करती थी।
और रो भी रही थी की बच्चे को अपने 2 पैसे भी नही दे सकती थी😭

इतने में मुरालीलाल ने कहा, सोहन की माँ
दे दे,2 पैसे सोहन को।
मेरी दवा बाद में ले आना, ऐसे भी अब मैं कहां जीने वाला हूं।

ये खाँसी मेरी जान लेकर ही जाएगी।।
ये सुनकर सोहन की माँ रोने लगी,ऐसा ना कहो।
सोहन के बापु,कुछ ना होगा।
देखना आज ही मैं मुनीम के पास फिर से जाऊंगी।
बिनती कर कुछ पैसे उधार मांग लाऊंगी।

गाव वाले डॉक्टर बाबु तुम्हे ठीक कर देंगे।
अपने आँचल से आंसू पोछते हुए बोली।

इतने में मुरारी की खाँसी बड़ गयी,ज़ोर से खासते खाँसते मुरारी लाल चुप हो गया।😔

सोहन की माँ जोर जोर से चीला कर उठाने लगी,पर कोई जबाब ना मिला।

और माथा पकड़ कर वही बैठ कर रोने लगी,ये सब देख सोहन भी माँ के सामने आ गया।
और कहने लगा,माँ माँ क्या हुआ।
क्यों रो रही हो
ठीक है,माँ मुझे पैसे मत दो,मैं बाजार नही जाऊंगा।

मुझे खिलौने नही चाहिए,यह कह कर अपने छोटे छोटे हाथो से माँ के आंसू पोछने लगा।

माँ कभी सोहन को कभी मुरारीलाल को देखने लगी,वो चुप हो गयी थी,उसके शब्द जैसे सांत हो गए थे,बस आँखों से आँसुओ की धारा बह रही थी।

सीने से लगाये सोहन को सोच रही थी,ये 2 पैसे😔😭




© roshni🙃