...

3 views

नामुमकिन कुछ भी नहीं
रिया की शादी उम्र से पहले ही करा दी गई जिस वजह से वो अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई। ख्वाहिश तो थी उसकी पढ़ लिख कर कलेक्टर बनने की मग़र किस्मत को यह मंजूर नहीं था। और उसके सारे सपने धरे के धरे रह गए। रिया ने अपने माता-पिता से बहुत मिन्नतें की कुछ दिन और रुक जाओ मेरी पढ़ाई तो पुरी होने दो।
इतनी जल्दी भी क्या है शादी की...??
मगर किसी ने उसकी एक ना सुनी और वो एक कठपुतली सी अपने माता-पिता के कहे अनुसार चुपचाप सब करती रही। शादी करके जब वो अपने ससुराल आई तो खुश रहने की लगातार कोशिश करने के बाद भी वो खुश नहीं दिखती। बल्कि हमेशा अनमनी और उदास सी रहती ।उसका चेहरा नयी नवेली दुल्हन की तरह नहीं लगता बल्कि बुझी बुझी हताश निराश और परेशान सा लगता। कयी बार उसके पति मोहन ने उससे बात करने की कोशिश भी की लेकिन रिया ने ऐसा कुछ भी नहीं है।
सब ठीक है और मैं भी बहुत खुश हूं आप चिंता ना करें।
कह कर बात को टाल देती..!!
मोहन सोचता शायद इनका स्वभाव ही ऐसा हो।
एक दिन शाम को रिया अपने स्कूल की सहेली सोहा से बात कर रही थी।सोहा कह रही थी देखो यू घुट घुट कर जीने से अच्छा...