मानसिक जकड़ पकड़...एक टॉक्सिक रिलेशनशिप...😰😰 भाग 2
सौम्या अच्छे से पढ़ाई करने लगी.....उसकी रूम मेट भी ठीक ठाक थी....क्युकी दुनिया में घर से बाहर की दुनिया जीने का सौम्या का पहला मौका था... व्यावहारिक तो थी ..पर समस्या ये की जल्दी दूसरो पर भरोसा करने की आदत बिना सोचे समझे....! पहला सेमेस्टर अच्छा रहा...लेकिन उसकी रूम मेट और उसकी सहेलियां आ आ कर घंटो घंटो उनके बॉयफ्रेंड के बारे में बात करती थी...तो सौम्या के मन में भी कही न कही चलने लगा की काश उसका भी कोई बॉयफ्रेंड होता....! और जब उसे उसकी रूममेट शीतल ने पूछा की "सौम्य, तुझे किसीने अभी तक प्रपोज नही किया क्या, तू तो हमसे भी सुंदर है...! सौम्या को मन में हल्के से भूषण की याद तो आई, लेकिन वहा उसने उन्हें मना कर दिया...की नही किसीने...