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एक डरावनी रात,मेरे जीवन की
(महत्वपूर्ण सूचना-
कृपया,जो लोग डरते है,वो इसे न सुने।)
मेरे जीवन का एक डरावना किस्सा है।उस रात काफी ज्यादा अंधेरा था। आधी रात में ही मेरी नींद खुलती है।मुझे बाथरूम जाना था।उस वक़्त बचपन में बाथरूम जाना,उन बड़े कामों में से एक था,जो मैं करता था।
मुझे उस वक़्त डर लगता था कि कोई भूत न आए या चुड़ैल,मुझे पकड़ ना ले।हाँ!मैं काफी फट्टू था,बचपन में,मानता हूं।इसके बावजूद उस रात में छत पर चला गया था।पता नहीं कैसे! बस थोड़ा-सा साहस किया।मेरे छत पर एक नल लगा था।मैं वही अपने हाथों को धो ही रहा होता हूं।
तब ही देखता हूँ कि एक तीन मंजिला इमारत पर। |तो,मेरे ध्यान से देखने पर मुझे मालूम पड़ा।उस छत पर बिल्कुल ही एक कोने पर,एक औरत सफेद साड़ी डाले,बिल्कुल चुप जरा-सी भी आवाज नहीं,सामने की ओर देख रही थी।उसका चेहरा,उसके बालों से ढका हुआ था।
उस वक़्त बच्चा होने के कारण,इस बारे में मुझे कुछ पता नहीं था।मैंने उसकी मदद करनी चाहि।फिर अचानक से,वह औरत वहाँ से गिर गई।
मैं तुरंत अपने घर का ताला खोल,वही के लिए चल पड़ा। मैं ठिक उसी घर के सामने पहुँच गया,जहाँ वह औरत गिरी थी।मैं नीचे से ही,उस घर के ऊपर तकते जा रहा था।अचानक! मुझे अपने पीछे से एक ठंडी हवा आती हुई महसूस हुई।वो ठिक,मेरे गर्दन पर लग रही थी।
मैं पीछे मुरा,लेकिन वहाँ कोई नहीं था।मैंने फिर सोचा, "शायद! यह मेरा वेहेम होगा"।मैं फिर अपने घर की ओर चला गया।वैसे ही,अंदर गया,दरवाजा लगा कर ताला लगा दिया।और अपने कमरे में जा अपने परिवार के साथ सो गया।
© RK_become your real hero
कृपया,जो लोग डरते है,वो इसे न सुने।)
मेरे जीवन का एक डरावना किस्सा है।उस रात काफी ज्यादा अंधेरा था। आधी रात में ही मेरी नींद खुलती है।मुझे बाथरूम जाना था।उस वक़्त बचपन में बाथरूम जाना,उन बड़े कामों में से एक था,जो मैं करता था।
मुझे उस वक़्त डर लगता था कि कोई भूत न आए या चुड़ैल,मुझे पकड़ ना ले।हाँ!मैं काफी फट्टू था,बचपन में,मानता हूं।इसके बावजूद उस रात में छत पर चला गया था।पता नहीं कैसे! बस थोड़ा-सा साहस किया।मेरे छत पर एक नल लगा था।मैं वही अपने हाथों को धो ही रहा होता हूं।
तब ही देखता हूँ कि एक तीन मंजिला इमारत पर। |तो,मेरे ध्यान से देखने पर मुझे मालूम पड़ा।उस छत पर बिल्कुल ही एक कोने पर,एक औरत सफेद साड़ी डाले,बिल्कुल चुप जरा-सी भी आवाज नहीं,सामने की ओर देख रही थी।उसका चेहरा,उसके बालों से ढका हुआ था।
उस वक़्त बच्चा होने के कारण,इस बारे में मुझे कुछ पता नहीं था।मैंने उसकी मदद करनी चाहि।फिर अचानक से,वह औरत वहाँ से गिर गई।
मैं तुरंत अपने घर का ताला खोल,वही के लिए चल पड़ा। मैं ठिक उसी घर के सामने पहुँच गया,जहाँ वह औरत गिरी थी।मैं नीचे से ही,उस घर के ऊपर तकते जा रहा था।अचानक! मुझे अपने पीछे से एक ठंडी हवा आती हुई महसूस हुई।वो ठिक,मेरे गर्दन पर लग रही थी।
मैं पीछे मुरा,लेकिन वहाँ कोई नहीं था।मैंने फिर सोचा, "शायद! यह मेरा वेहेम होगा"।मैं फिर अपने घर की ओर चला गया।वैसे ही,अंदर गया,दरवाजा लगा कर ताला लगा दिया।और अपने कमरे में जा अपने परिवार के साथ सो गया।
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