भूख-एक कहानी
भूख को धर्म , जाति में नही बांटा जा सकता है।भूख ही एक ऐसी चीज है जिससे हर वर्ग के लोग वाकिफ होते है। पर गरीब वर्ग इससे हर रोज जूझता है, सुबह होती है तो इस सोच के साथ कि आज खाना मिलेगा या नही और रात होती है तो बस इस ख्याल के साथ कि कल खाना कहाँ से आएगा।
देश दिन-प्रतिदिन उन्नति कर रहा है किंतु यदि हम सर्वेक्षण को पढ़े तो एक समय मे 'सोने की चिड़िया' कहे जाने वाले देश मे प्रतिदिन 1करोड़ 90 लाख लोगों के घर खाना नही बनता है।
यह समस्या सिर्फ एक समुदाय की नही है जो भूखा रह रहा है, बल्कि ये पूरे देश की समस्या...
देश दिन-प्रतिदिन उन्नति कर रहा है किंतु यदि हम सर्वेक्षण को पढ़े तो एक समय मे 'सोने की चिड़िया' कहे जाने वाले देश मे प्रतिदिन 1करोड़ 90 लाख लोगों के घर खाना नही बनता है।
यह समस्या सिर्फ एक समुदाय की नही है जो भूखा रह रहा है, बल्कि ये पूरे देश की समस्या...