...

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my philosophy
मैंने कभी team चुनी ही नहीं, मैं कहीं दूर बैठकर अलग-अलग groups को लड़ते देख रहा हूं
सब अंधों की तरह अपने-अपने believes(groups) को पकड़े हुए हैं, कि मैं सही तु गलत
अपने believes में आकर मैंने आज खुद को अगर सही कह दिया तो future में grow करने का बदलने का मौका ही चला जाएगा|
कि जब आपने-अपने point of view को बेस्ट कहा तभी बाकी सबके आपके नजरों से उतर गए,
और आप उसी पल में रुक गए
अब आगे बढ़ने की कोई आशंका ही नहीं बची,
और जो लोग आपसे अलग बात करेंगे वे आपके लिए villain हो जाएंगे
इसलिए मैं Vantage point पे रहकर सीखते रहता हूं| कभी भी खुद को ये नहीं कहता हूं कि मैंने सब जान लिया.. .

© Akash dey