भोला की चिट्ठी....✍️📒❤️
आदरणीय मास्टर जी,
मैं भोला हूँ, आपका पुराना छात्र. शायद आपको मेरा नाम भी याद ना हो, कोई बात नहीं, हम जैसों को कोई क्या याद रखेगा. मुझे आज आपसे कुछ कहना है सो ये चिट्ठी डाक बाबु से लिखवा रहा हूँ.
मास्टर जी मैं 6 साल का था जब मेरे पिताजी ने आपके स्कूल
में मेरा दाखिला कराया था. उनका कहना था कि सरकारी स्कूल जाऊँगा तो पढना-लिखना सीख जाऊँगा और बड़ा होकर मुझे उनकी तरह मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी, दो वक़्त की रोटी के लिए तपते शरीर में भी दिन-रात काम नहीं करना पड़ेगा… अगर मैं पढ़-लिख जाऊँगा तो इतना कमा पाऊंगा कि मेरे बच्चे कभी भूखे पेट नहीं सोयेंगे!
पिताजी ने कुछ ज्यादा तो नहीं सोचा था मास्टर...
मैं भोला हूँ, आपका पुराना छात्र. शायद आपको मेरा नाम भी याद ना हो, कोई बात नहीं, हम जैसों को कोई क्या याद रखेगा. मुझे आज आपसे कुछ कहना है सो ये चिट्ठी डाक बाबु से लिखवा रहा हूँ.
मास्टर जी मैं 6 साल का था जब मेरे पिताजी ने आपके स्कूल
में मेरा दाखिला कराया था. उनका कहना था कि सरकारी स्कूल जाऊँगा तो पढना-लिखना सीख जाऊँगा और बड़ा होकर मुझे उनकी तरह मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी, दो वक़्त की रोटी के लिए तपते शरीर में भी दिन-रात काम नहीं करना पड़ेगा… अगर मैं पढ़-लिख जाऊँगा तो इतना कमा पाऊंगा कि मेरे बच्चे कभी भूखे पेट नहीं सोयेंगे!
पिताजी ने कुछ ज्यादा तो नहीं सोचा था मास्टर...