...

6 views

आंखें सब कहती हैं
कोई कितना छुपा पाऐगा दर्द है सीने का तो जरूर चेहरे पर नजर आएगा
तुम पास बैठो मेरे शायद तुम्हें कुछ आराम आएगा
बात ना सही तो देखो मुझे मेरी आंखों में तुम्हारा कल नजर आएगा
तुमको मुझसे अच्छा भला कौन जान सका है गुस्सा आने पर खुद ही की आंखें भीग जाती है इस राज की बात को मेरे सिवा कौन जान पाया है
मैं तो आज भी तुम्हारा हूं मुझसे तुमको अलग कौन कर पाया है
आंखों में आंसू कैसे आए तुम्हारे खुशी जो दे गया था
वह खुशी गायब कहां है
चेहरे पर अब कोई मुस्कान क्यों नहीं तुम्हारे
ऐसी कौन सी बात है जो दिल दुखा गया है
तुमसे दूर जाते वक्त एक वादा ले गया था
तुम खुश रहोगी हमेशा
मगर तुमने तो मेरा वादा तोड़ दिया है
चलो मैं फिर लौट आया हूं खुशियां सारी फिर ले आया हूं मगर इस बार छोड़ जाने वाला नहीं साथ निभाने आया हूं
मैं तुमको अपना बनाने आया हूं