उपहार
गीता का जन्मदिन अगले हफ्तेआनेवाला था। सरिता उसकी पक्की सहेलियों में से थी। जन्मदिन के पार्टी को लेकर बहुत उत्साहित थी।
सभी सहेलियां मिलकर गीता को बिना बताए योजना बनाने लगे। गीता को भनक तक नही लगने दिया। सरिता और मधु जाकर आवश्यक सामग्री खरीद कर मधु के घर में रखने लगे।
अब दो ही दिन शेष बचे थे। तैयारी अंतिम चरण में था। अचानक सभी ने सोचा गीता को उपहार स्वरूप क्या दिया जाए? बहुत देर तक चर्चा चली। कोई फैसला नहीं हो पा रहा था। बजट अनुरूप सामान का वे निर्णय नहीं ले पा रहे थे।
सभी इस समस्या को लेकर कक्षाध्यापिका रत्ना मैडम के पास गए। मैडम कुछ देर तक सोचने लगी, फिर कहा , गीता को पढ़ने का बहुत शौक है परन्तु घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वह किताबें खरीदने में असमर्थ है। अतः उसे अगर अंग्रेजी का शब्दकोष (Dictionary) दिया जाए तो उसके लिए उपयोगी होगी। यह सुन सब बच्चें खुश हो जाते हैं और बाजार से खरीद कर लाते हैं।
निश्चित दिन गीता का जन्मदिन मनाया जाता है। रत्ना मैडम के कर- कमलों से उपहार प्रदान किया जाता है। गीता किताब पाकर बहुत खुश होती है ।वह कहती है," ये मेरे लिए सर्वोत्तम उपहार है"। खुशी की आंखे नम हो जाती है। वह इस आयोजन के लिए सबको हृदय से आभार व्यक्त करती है।
रीता चटर्जी
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