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चाय की टपरी और ' वोटाचार '
#वोट
चाय की टपरी में आज काफी गहमा गहमी है। बनवारी लाल हाथ में अख़बार लिए पढ़ रहे और हर एक ख़बर पर चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा हो रही। जैसे चुनाव के दल वैसे ही चाय की दुकान भी दो हिस्सों में विभाजित हो गई थी

टपरी के दायरे के एक ओर, चाय पीने वाले लोग उत्साहित थे। वे अपने पसंदीदा चुनावी प्रत्याशियों की चर्चा कर रहे थे और अपने दल के साथ खुद को समर्थन देने का इरादा बना रहे थे। सभी वर्गों के लोग यहाँ आकर्षित हो गए थे, चाहे वह किसान हो, व्यापारी हो, या युवा छात्र हो।

टपरी के बायाँ ओर, विपक्ष के समर्थक भी चाय का आनंद ले रहे थे। उन्होंने अपनी ख़बर चुस्कियों के साथ बाँटी और अपने दल की रणनीति को बदलने की कोशिश की।

समय गुजरता गया और चुनावी जोश टपरी के दोनों हिस्सों में बढ़ता गया। आख़िरकार, चुनाव के दिन आया और लोग अपने मतदान करने के लिए उत्सुक हो गए। चाय की टपरी में गहरा गहरा चुनावी उत्साह भर गया, जैसे कि एक महत्वपूर्ण समारोह का हिस्सा हो।

चुनाव के परिणाम का इंतजार था, और लोग टपरी में एक साथ आकर उसे अपने सफलता के साथ मना रहे थे। चाय की टपरी में यह दिन एक अद्वितीय और यादगार दिन बन गया, जब चुनावी उत्साह और चाय की मिली बढ़ चढ़ के स्वाद का आनंद लिया गया।