नर- नारी परस्पर।
तुम देवी सी हो कौशल्या
मैं लाल तेरा अहो भाग्य मेरा
तुम स्नेहमयी संसार मेरी
बलराम हूं मैं तू सुभद्रा
तुम प्रेम पूर्ण, मैं प्यास भरा
मैं कान्हा हूं और तुम राधा
मैं नटखट हूं तुम स्नेहमयी
मैं माधव हूं तुम कृष्ण प्रिया
मैं श्याम रतन...
मैं लाल तेरा अहो भाग्य मेरा
तुम स्नेहमयी संसार मेरी
बलराम हूं मैं तू सुभद्रा
तुम प्रेम पूर्ण, मैं प्यास भरा
मैं कान्हा हूं और तुम राधा
मैं नटखट हूं तुम स्नेहमयी
मैं माधव हूं तुम कृष्ण प्रिया
मैं श्याम रतन...