...

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हमारी याद में....कान्हा....
😊
पता नहीं ये incident था या कुछ और...
लेकिन मैं तुम्हें ही याद कर रही थी..
और तुम्हारी कॉल आ गई...!!
😊
आज सुबह से ही तुम्हारी याद आ रही थी, कुछ कहना नहीं था, कोई शिकवा,कोई शिकायत,कोई गिला नहीं था.. लेकिन मन था कि काश तुमसे बात हो जाती,नहीं मालूम कि क्यों करनी है और क्या बात कहनी थी तुमसे लेकिन तुमसे बात करनी थी सो हो गई.. I think इसी को कहते हैं दिल का connection,और मेरी कहानी पूरी हुई इसका सारा श्रेय तुम्हें जाता है कान्हा..।
मेरे कान्हा.. तुम्हें पता है कान्हा, वो भी मेरे कान्हा ही हैं.. तुम्हारी ही तरह छलिया हैं, नटखट हैं,बहुत परेशान करते हैं, और तुम्हें पता है...हम तो उन्हें निर्मोही भी बोल देते हैं..😊😊 अब आप ये मत कहना कि आप निर्मोही नहीं थे.. थे ना राधा को छोड़कर चले गए थे.. अब आप तर्क दोगे कि प्रिय आकांक्षा मैं और राधा अलग थोड़ी हैं..हम तो एक ही हैं.. ये मुझे पता है..आपको दोहराने की जरूरत नहीं है कि आप तो कभी राधा से दूर होते ही नहीं थे क्योंकि जहां राधा हैं वहीं कान्हा हैं,तो हां ठीक ऐसे ही वो भी तर्क देते हैं.. कि प्रिय.. मैं तो हमेशा तुम्हारे पास रहता हूं, क्या तुम्हें आभास नहीं होता….? मैं तुम्हारी मुस्कुराहट में, तुम्हारी पढ़ाई में, और जब तुम्हें कोई डांटता है तब भी मैं ही याद आता हूं ना..? हां तो बस मैं तुमसे दूर होता ही नहीं हूं..हम तुमसे कितनी भी दूर हों, फिर भी पास ही हैं... भले ही मुझपर यकीं ना करो लेकिन खुद पर तो भरोसा रखो, तुमने तो प्रेम किया है ना..और कान्हा भी बोलती हो,तो बस भरोसा रखो, और सब कुछ वक्त पर छोड़ दो,सब ठीक होगा,अपना कर्म करती जाओ,अपने कर्म से मुंह चुराओगी तो कुछ भी हाथ नहीं आएगा ना मैं और ना ही भविष्य को जीत पाओगी, तुम्हें जीतना है सारा जहां, राज करना, हमारे साथ सबके दिलों पर भी, फिर देखना एक दिन वक्त खुद आएगा तुम्हारे पास सबकुछ लेकर.. अब आप ही बताओ कन्हैया,मेरे कान्हा ने मुझसे, मेरे बारे में कितनी देर बात की और इसमें कितनी देर प्रेम की बात हुई..? खैर मेरी कहानी के मुख्य पात्र हैं मेरे पापा मम्मी जिन्होंने मुझे जन्म दिया, ईश्वर इतना सुन्दर परिवार दिया और फिर मेरे कान्हा..आप जिन्होंने मिलाया मुझे मेरे कन्हैया से...।।
धन्यवाद कान्हा..😊🌸

आकांक्षा मगन "सरस्वती"

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