...

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बेमतलब सी हर बात 🍂
बहस की भी एक उमर होती है... एक वक्त के बाद दिमाग़ किसी बहस में उलझना नही चाहता है।
और ,
मेरा दिल तो वैसे ही हमेशा से बहस से बचता फिरता है...
जब मौन समझ आने लगता है तो लगता है ,
जैसे कि,
एक उमर यूं ही जाया कर दी सबसे बहस करते करते समझाते समझाते....

समझ तो फिर भी सामने वाले को आप नही आओगे.. क्योंकि उसकी सोचने का दृष्टिकोण उसका अपना है। लाख बहस के बाद भी उसे वही समझ आएगा जो वो स्वयं समझ के बैठा है। इसलिए जितना जल्दी हो सके अपने जीवन से बहस को निकाल दो।
नही तो एक वक्त के बाद लगेगा कि चार दिन की जिंदगी में से
एक दिन
तो यूं ही गवां दिया,,

तो,,,
खुद को तभी खाली करो जब सामने कोई भरा हुआ ना हो। जो पहले से भरा हुआ है...
वो आपको ग्रहण नही करेगा..!!🙏🏻🍂

#बस_यू_ही,,,,

क्यूंकि,?
मेरी हर बात का
एक मतलब है
और मेरी
#बेमतलब_सी_हर_बात है...!!🍂🍂🍂🍂🍂🙏🏻




© 🍂