...

15 views

+ब्लुटूथ

**************************************
शीर्षक + ब्लूटूथ
**************************************
गोधूलि बेला का समय था और वक्त मानो बिजली की रफ्तार से चल रहा हो, उस समय चिंता थी, दो लोगो को, एक मुझे आखिरी बस की, और एक डिलीवरी ब्वॉय को अपने आखिरी ऑर्डर की, सर्दियों के दिन की शाम ढल रही थी, आते- जाते व्यक्तियों के मुहं से निकलने वाली प्राकृतिक भाप से लग रहा था कि ठंड भी बढ़ रही है, तभी मै जैसे -तैसे बस स्टैंड पहुंच गया और अपना ऑर्डर रिसीव कर बस में चढ़ गया, बस में जलने वाली पीली लाइट इस बात कि और इशारा कर रही थी कि अब गोधूलि बेला समाप्त हो चुकी थी मै जैसे ही बस में चढ़ा तो मुझको लगा कि सारी निगाहें मुझे ही शक भरी नजरों से निहार रही थी, मेरे एक हाथ में मोबाइल था और एक हाथ मै अभी भी मेरा ऑर्डर था, बीच की सीट पर मैंने तशरीफ़ रखी और अब मैंने अपने ऑर्डर को ओपन करना शुरू किया जैसे- जैसे ऑर्डर ओपन कर रहा था मुझसे ज्यादा उत्साहित तो बस में बैठे सभी लोग थे कि इसमें क्या निकलेगा और बस में भी अब यही खुसर -फुसर हो रही थी, मैंने खाली रैपर को बाहर फेंक दिया और उसमे से जो ब्लूटूथ इयरफोन निकला था उसका मै अपने स्तर पर अन्वेषण कर रहा था, अचानक थोड़ा खलल पड़ा कंडक्टर के आने से, मैंने अपने गंतव्य की टिकट ली और पहली बार ब्लूटूथ इयरफोन को अनभिज्ञ बालक की तरह इस्तेमाल करने का प्रयत्न कर रहा था, मुझे कुछ समझ नहीं आया, अचानक मेरे इयरफोन मै अपने-आप गाने चलने लग गए और मै जो भी गाना चलाने की कोशिश करता वो नहीं चल रहा था, कुछ समय के बाद अहसास हुआ की तकनीकी खामी के कारण मेरा ब्लूटूथ किसी और से आपस में इंटरचेंज होकर कनेक्ट हो गया था ,
मैने चारो और एक डिटेक्टिव की तरह नजर खुमाई लेकिन समझ नही आ रहा था किसके साथ कनेक्ट हुआ है, मेरे इयरफोन में गाना बज रहा था, धीरे-धीरे से मेरी जिंदगी में आना, और मैं उसको बड़ी तल्लीनता से सुन रहा था अचानक मेरे भी मन में शैतानी सूझी!
मैने भी एक गाना चलाया - क्या खूब दिखती हो बड़ी सुंदर लगती हो
‌इंटरचेंज होने की वजह से हुआ यूं कि जो गाना मैं फोन में चला रहा था
वो उसको सुन रहा था और उस वाला मुझे, पूरा गाना सुनने के बाद उसने भी प्रतिउत्तर में गाना चलाया, मुझे हंसी आ रही थी, इसलिए शायद उसने
तेरा हंसना भी जन्नत है गाना चलाया, एक इतेफाक ये भी था की उसको पता था कि मेरे साथ ब्लुटूथ इंटरचेंज हुआ है पर मुझे नही मालूम था कि कौन है , फिर भी मैं उस पल का आनंद ले रहा था , थोड़ी देर बाद, बस में समान बेचने वाला आया तो सबका ध्यान उसकी और चला गया, मैंने भी कुछ खाने को लिया , गाना अभी भी इयरफोन में बज रहा था , और मेरे अंतर्मन में रह-रह के यही ख्याल उमड़ रहे थे की कौन हो सकता है, मैं चाह कर भी उसे डिस्कनेंक्ट नही कर पा रहा था, और उस क्षण का आनंद ले रहा था, एक होड़ सी लग गई थी गानों की मानो सामने वाला प्रतिउत्तर दे रहा हो, गानों के माध्यम से, कुछ समय बाद मैं अपने गंतव्य पर पहुंचने ही वाला था इसलिए सीट को कुछ देर पहले ही छोड़ दिया और गेट के पास आकर खड़ा हो गया, तभी मेरे इयरफोन में गाना बजा, रुक जा! ओ जाने वाली रुक जा , मैं सभी सवारियों को गौर से देख रहा था, पर पता नही चल पा रहा था की कौन है,
मैने भी अब प्रतिउत्तर मैं गाना चलाया
अच्छा तो हम चलते है! और मैं बस से उतर गया
मैं बस को गौर से देख रहा था उसके पीछे लाल अक्षरों से लिखा हुआ था, जिंदगी रही तो फिर मिलेंगे , उसको पढ़कर मैं मंद-मंद मुस्कुरा रहा था तभी अचानक मैंने देखा- बस की खिड़की से बाहर गर्दन निकालकर, एक लड़की मुस्कुराते हुए, मुझे उस वक्त तक देख रही थी जब तक की मैं उसकी नजरों से ओझल ना हो गया और उसके कानों में ब्लूटूथ वाले इयरफोन भी थे , जैसे-जैसे बस दूर गई मेरे इयरफोन डिसकनेक्ट हो गए जिसमें गाना चल रहा था रूक जा ओ जाने वाली रुक जा, थोड़ी देर बाद छोटा भाई मुझे कार से पिकअप करने आ गया और हम उसी दिशा में जा रहे थे जिस दिशा में बस जा रही थी, कार, बस के पीछे ही थी, एक बार फिर से बस के पीछे लिखे वो शब्द-" जिंदगी रही तो फिर मिलेंगे" दिखे और कार की हैडलाइट मानो जैसे उन्ही शब्दो पर पड़ रही हो उन्हें हाइलाइट कर रही हो, तभी अचानक मेरा ब्लूटूथ फिर से कनेक्ट हो गया और उसमें फिर से गाने बजने लग गए, कार जैसे ही बस के पास से होकर गुजरी वो लड़की, खिड़की में से देख कर मुस्करा रही थी, बैचेन सी उसकी नजरें शायद कुछ कहना चाह रही थी, लेकिन समय बहुत कम था, उसको समझ नही आ रहा था की क्या करे , मैं तो इस इत्तेफाक से एक दम स्तब्ध था और व्याकुल होकर उसे देख रहा था, अचानक एक मोड़ आया जिस और वो बस मुड़ गई और हम सीधे आ गए घर की तरफ, ब्लूटूथ फिर से डिस्कनेंक्ट हो गए और उसके बाद फिर कभी कनेक्ट नही हुए, आज भी जब मैं इयरफोन लगाता हूं तो उस सफर की याद आ ही जाती है,
© aashurj31