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शीर्षक + ब्लूटूथ
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गोधूलि बेला का समय था और वक्त मानो बिजली की रफ्तार से चल रहा हो, उस समय चिंता थी, दो लोगो को, एक मुझे आखिरी बस की, और एक डिलीवरी ब्वॉय को अपने आखिरी ऑर्डर की, सर्दियों के दिन की शाम ढल रही थी, आते- जाते व्यक्तियों के मुहं से निकलने वाली प्राकृतिक भाप से लग रहा था कि ठंड भी बढ़ रही है, तभी मै जैसे -तैसे बस स्टैंड पहुंच गया और अपना ऑर्डर रिसीव कर बस में चढ़ गया, बस में जलने वाली पीली लाइट इस बात कि और इशारा कर रही थी कि अब गोधूलि बेला समाप्त हो चुकी थी मै जैसे ही बस में चढ़ा तो मुझको लगा कि सारी निगाहें मुझे ही शक भरी नजरों से निहार रही थी, मेरे एक हाथ में मोबाइल था और एक हाथ मै अभी भी मेरा ऑर्डर था, बीच की सीट पर मैंने तशरीफ़ रखी और अब मैंने अपने ऑर्डर को ओपन करना शुरू किया जैसे- जैसे ऑर्डर ओपन कर रहा था मुझसे ज्यादा उत्साहित तो बस में बैठे सभी लोग थे कि इसमें क्या निकलेगा और बस में भी अब यही खुसर -फुसर हो रही थी, मैंने खाली रैपर को बाहर फेंक दिया और उसमे से जो ब्लूटूथ इयरफोन निकला था उसका मै अपने स्तर पर अन्वेषण कर रहा था, अचानक...