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मैने दो चार जगह को अपनी नोट बुक में लिख लिया और ये ठाना के सुबह होने पर इन जगहों पर नौकरी देखूंगी।
अगली सुबह मैं तैयार हो कर बाज़ार चली गई। सारा दिन धूप में घूमने के बाद एक छोटी सी दुकान में नौकरी पक्की हुई । वो एक कपड़ो की दुकान थी जहां पर लोग तो बहुत नहीं आते थे पर बिजनेस अच्छा चल रहा था।
मैं दोपहर में घर आ गई और खुशी हुई कि कहीं तो मुझे काम मिला । उस कपड़ों की दुकान में लगभग मैने दो महीने काम किया । उस दुकान से हटने के बाद मैं एक होटल में काम करने लगी । उस काम में मुझे ज्यादा तजुरबा तो नही था पर वहां स्टाफ कम होने की वजह से रख लिया गया । वहां होटल पूरे दिल्ली में मशहूर था । बड़े –बड़े कलाकार, बिस्नेसमैन और बहुत से टूरिस्ट वहां पर रहने के लिए आते थे।
अब मैं उस रूम को...