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एक मुर्दा जो उठाती थी कॉल सेंटर में फोन
दोस्तों आज मैं आप लोगों के सामने एक ऐसी सच्ची कहानी लेकर आया हूं जिसे पढ़ने के बाद आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। यह एक ऐसी कहानी है जिसे आपने कभी ना तो पढी होगी और ना ही कहीं सुनी होगी यह एकदम रियल और सच्ची कहानी है।

दोस्तों यह सच्ची कहानी गुडगांव के एक कॉल सेंटर की है यह कहानी गुड़गांव के सेफरान नामक कॉल सेंटर में काम करने वाली रोजी नाम की लड़की की है। जो अपने काम में पूरी तरह से इमानदारी रखकर काम को करती थी। वह लड़की काम के समय पर ना तो किसी से बात करती थी। और ना ही किसी से हंसी मजाक करती थी वह सिर्फ अपने काम पर ध्यान देती थी। इसके अलावा अपने काम पर समय पर आती थी। जिसके वजह से वहां पर काम करने वाले अन्य कर्मचारी रोजी की बहुत सराहना करते थे। यहां तक की रोजी ने 6 महीने काम करके कंपनी की तरफ से कई सारे अवार्ड भी जीत लिए थे जिसको पाने के लिए इस कंपनी के अन्य कर्मचारी कई महीनों से प्रयत्न करने की कोशिश कर रहे थे।

उसके इस तरह से काम करते हुए देखकर उसके साथ काम करने वाली एक लड़की जिसका नाम माया था 1 दिन उससे पूछती है कि रोजी तुम समय पर कैसे आ जाती हो? और कभी भी छुट्टी नहीं करती हो यह सब कैसे कर लेती हो?

उसके इस सवाल का जवाब रोजी देती है कि मेरे ना तो आगे कोई है और ना ही पीछे कोई है इस वजह से मैं हमेशा टाइम पर आ जाती हूं तभी दूसरी दूसरी लड़की जिसका नाम करिश्मा था वह रोजी से कहती है कि तुम इतना पैसा किस के लिए कमा रही हो क्या कोई बॉयफ्रेंड है तुम्हारा? तो इतने में रोजी जवाब देती है कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है तभी माया कहती है कि इतना काम क्यों करती हो तुम अपने घर चली जाओ वहां फैमिली के साथ समय बिताया करो तब माया के सवाल का जवाब रोजी देती है कि मैं यदि घर गई तो घरवाले मुझे दोबारा आने नहीं देंगे।

अगले दिन रोजी को कॉल सेंटर में एक कॉल आती है सामान्यतः यह कॉल मात्र 15 मिनट की होती है लेकिन उस दिन यह कॉल 45 मिनट तक चली इस कॉल पर रोजी बहुत हंस कर जवाब दे रही थी उसके साथ के सभी कर्मचारी उसको इतनी देर तक बात करते हुए देखकर अचंभित हो जाते हैं क्योंकि उनके घर जाने का समय भी नजदीक आ गया था और नीचे एक टैक्सी सबको घर छोड़ते हुई जाती है खडी थी। लेकिन रोजी को इतनी देर तक कॉल पर बात करते हुए देखकर एक कर्मचारी दूसरे फोन से उसकी कॉल को सुनने की कोशिश करता है कि आखिर ऐसी क्या बात हो रही है जो 45 मिनट तक चलती ही जा रही है जैसे ही कर्मचारी दूसरे फोन को अपने कान में लगाता है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है क्योंकि रोजी जिस व्यक्ति से बात कर रही थी वहां पर केवल रोजी की आवाज आ रही थी दूसरी तरफ से कोई आवाज आ ही नहीं रही थी।

सारे कर्मचारी रोजी से कहते हैं कि अब घर चलने का वक्त हो गया है रोजी सभी कर्मचारियों की बात को सुनकर फोन को काट देती है और उन सब के साथ उस टैक्सी में बैठ जाती है परंतु इस बार रोजी के चेहरे पर बहुत ज्यादा टेंशन दिख रही थी उसके साथ के सभी कर्मचारी रोजी के चेहरे के भाव को देखकर समझ गए थे परंतु किसी ने रोजी से कोई सवाल नहीं किया क्योंकि रोजी एक मेहनती और ईमानदारी से काम करने वाली एंप्लोई थी।

देखते ही देखते रोजी का घर आ जाता है और रोजी उस घर के अंदर चली जाती है। दूसरे दिन कॉल सेंटर पर रोजी नहीं पहुंचती है उसके साथ काम करने वाली लड़की जिसका नाम माया था वह अन्य कर्मचारियों से रोजी के बारे में पूछती है लेकिन किसी को रोजी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। देखते ही देखते यह खबर अन्य कर्मचारियों तक पहुंच जाती है रोजी दूसरे दिन भी नहीं आती है तब सारे कर्मचारी आपस में बातचीत करने लगते हैं की रोजी क्यों नहीं आ रही है ऐसा करते करते 7 दिन हो जाते हैं लेकिन रोजी कॉल सेंटर में काम करने नहीं आती है।

स्टाफ के सभी लोग परेशान हो रहे हैं क्योंकि रोजी इससे पहले कभी भी इस तरह की छुट्टी नहीं करती है तो अब उसने ऐसा क्यों किया? इसकी खबर कॉल सेंटर के मैनेजर तक पहुंच जाती है सारे कर्मचारी मीटिंग करते हैं और कॉल सेंटर पर रोजी के बारे में चर्चा होने लगती है। उस दिन टैक्सी में जितने भी लोग रोजी को छोड़ने के लिए घर गए थे वह सभी लोग यह निर्णय लेते हैं कि हम उस घर में जाएंगे और रोजी के बारे में पता करेंगे। कॉल सेंटर के कर्मचारी रोजी के घर पर पहुंचते हैं और वहां के मकान मालिक से रोजी के बारे में पूछते हैं मकान मालिक को रोजी की फोटो दिखाई जाती है। मकान मालिक जैसे ही रोजी की फोटो देखता है तो वह साफ मना कर देता है कि मैं इस लड़की से कभी मिला नहीं हूं और ना ही इसको जानता हूं। मकान मालिक के इस तरह से कहने से स्टाफ के कर्मचारियों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है उन्हें लगता है कि मकान मालिक मजाक कर रहा है तो इसका प्रूफ करने के लिए वह आस-पड़ोस के घरों में जाकर पूछते हैं तो वहां से भी उनको यही जवाब मिलता है कि हम इस लड़की को नहीं जानते हैं और इससे पहले हमने इस लड़की को कभी यहां पर नहीं देखा है अब तो कॉल सेंटर के कर्मचारीयों की सिटी पुट्टी गुम हो जाती है।

लौटकर के सारे कर्मचारी अपने कॉल सेंटर में आ जाते हैं और वहां पर मैनेजर से रोजी का एड्रेस निकलवाते हैं रोजी का एड्रेस ले करके वह उसके घर तक पहुंचते हैं जहां उसके मम्मी पापा बैठे हुए हैं। वह कर्मचारी अपने मोबाइल में रोजी की फोटो को दिखाते हैं और पूछते हैं कि रोजी हमारे साथ 10 दिन पहले तक खूब काम कर रही थी लेकिन अब 10 दिन से वह ऑफिस में नहीं आ रही है ऐसा क्यों? उनकी बातों को सुनकर रोजी के मम्मी पापा पैरों तले जमीन खिसक जाती है और कर्मचारियों से कहते हैं कि अरे आप लोग किस रोजी की बात कर रहे हैं रोजी तो हमारी बेटी थी और जिस का देहांत आज से लगभग 8 साल पहले हो गया है और हमने इन्हीं हाथों से इसकी लाश को कब्रिस्तान में दफन किया है यह बात सुनकर कॉल सेंटर के कर्मचारियों की पैरों तले जमीन खिसक जाती है और सब के सब हक्के बक्के रह जाते हैं।

दोस्तों इस तरह की घटना को सुनकर कॉल सेंटर के कर्मचारियों की हालत बिगड़ जाती है। माया जो रोजी के साथ काम करती थी जब यह खबर माया सुनती है तो उसे हार्टअटैक पड़ जाता है और उसकी वहीं पर मौत हो जाती है क्योंकि माया को यह डर बैठ गया था कि मैं इतने दिनों से एक मुर्दा के साथ काम कर रही थी। इसके साथ साथ करिश्मा नाम की लड़की दिमाग से पागल हो जाती है और इस कॉल सेंटर पर दो तीन कर्मचारी तो ऐसे थे जो दिमागी रूप से पागल हो गए थे और बहुत से कर्मचारी तो यहां से काम छोड़ छोड़ कर चले गए थे। दोस्तों अब ये सेफ्रॉम कॉल सेंटर भी वीरान हो चुका है जहां पर अब कोई भी काम नहीं करता है। तो दोस्तों रोजी का मकसद क्या था वह किस मकसद से कॉल सेंटर में काम कर रही थी और इस तरह से अचानक कहां गायब हो गई थी और वह कॉल किसकी आई थी जो 45 मिनट से ऊपर की चलती है जा रही थी इस तरह के सवाल और उनका जवाब आज तक किसी को नहीं मिल पाया है।

दोस्तों आज की कहानी आपको कैसी लगी कमेंट करके और लाइक करके मुझे बताएं। दोस्तों यह एक सच्ची कहानी थी और इस कहानी पर हमारे फिल्म एक्टर विवेक ओबरॉय बहुत जल्द रोजी नाम से एक फिल्म बनाने जा रहे हैं।


© Saurabh Singh