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रहस्य उन आवाजों का.....
कॉलेज की लाइफ किसे नहीं पसंद , ऐसे ही कॉलेज के 1st semester में बहुत से फ्रेंड बन गए थे | गर्ल्स कॉलेज की वजह से सब एकदम बिंदास थे | कॉलेज बंक करके कौन नहीं घूमना चाहता |
बात 2nd semester की हैं ,ठण्ड के मौसम में घूमने का मज़ा ही कुछ और होता हैं | सुबह से लेक्चर करते करते सब बोर हो रहे थे | फिर लंच के टाइम प्रोजेक्ट लिखने का बहाना बना के कॉलेज से भाग निकलने का सबने तय किया | बहाना तो मिल गया पर सब ये सोच रहे थे की जाए कहा ??
फिर सोनाली बोली " वो ट्रायंगल वाली टेकड़ी पर चलते हैं , वहा एक तालाब भी हैं और वहा का नजारा भी अच्छा हैं "|
सभी लोग वहा जाने के लिए तैयार हो गए |
शलाका और विभूति टीचर से परमिशन लेने गए | शलाका ने टीचर से कहा की ," मेरा घर यहाँ से पास में हैं ,और हम सब मिल कर प्रोजेक्ट बनाने मेरे घर जा रहे हैं |" तब क्या था प्रोजेक्ट के नाम से टीचर को भी गर्व हो गया की बच्चे पढ़ने के लिए परमिशन लेकर घर जाना चाहते हैं | और ग्रुप स्टडीज करेंगे |
परमिशन मिल गयी | और फिर जाने के लिए एक स्कूटी पर ३ लोग बैठे और चल दिए मंजिल के ओर.....
" ट्रायंगल टेकड़ी " हमारे कॉलेज के पीछे एक पहाड़ था , उसका शेप ट्रायंगल था इसलिए उसको हम लोग इस नाम से बुलाते थे | सुना था के पहाड़ के पास एक तालाब था , जिसको "suicide lake " कहा जाता था |
उसको देखने की चाह में सब इतने excited
थे की आगे क्या हो सकता हैं किसीने सोचा ही नहीं |
करीब करीब 20min हम सब वहां पहुंच गए | मन को मोह लेने वाला नज़ारा था , अभी सब पहुंच के एक दूसरे की फोटोज लेने में busy थे | वही दूसरी ओर मै और सनिका तालाब के पास लिखे एक बोर्ड के नोटिस को पढ़ रहे थे, उसमे लिखा था की," कोई तालाब के पास ना जाए और ना ही उसमे तैरने की कोशिश करे " वो तालाब को प्रतिबंधित किया गया था | क्युकी बहुत से लोग उसमे सुसाइड कर चुके थे |
सनिका सेल्फी लेने के बहाने उस तालाब की और बढ़ रही थी और मैं जैसे उसकी खूबसूरती के ओर आकर्षित हो रही थी | फिर अचानक ऐसे कुछ हुआ जिसकी कल्पना भी हमलोगो ने नहीं की थी |
सानिका मेरे तरफ थोड़े डर और आश्चर्य से देखने लगी ,वही मेरी हालत भी वही थी| हम दोनो को तालाब से हसने की आवाजें आ रही थी, जैसे बहुत लोग बैठ के ठहाके लगा रहे हो| वो आवाज कहा से आ रही ,ये confirm करने के लिए , डरते हुवे हम दोनों आगे बढे,
लेकिन वहा हमलोगो के अलावा आस पास कोई नहीं था| फिर ओर पास जाने पर आवाजे और भी जोर से आने लगी| अबकी आवाजों में हमे तालाब की ओर आने से वो रोक रहे थे|
एक आखरी बार सानिका और मैंने एक दूसरे के पास देखा और फिर क्या था , दोनों बिना रुके भुत...भुत .. चिल्लाते भागने लगे |
वही दूसरी ओर बाकी के फ्रेंड्स जो फोटोज लेने में मगन थे | हमे चिल्लाते और भागते देख बाकी सब बिना कुछ सोचे स्कुटी की ओर भागे ओर गाड़ी सीधे college के सामने रुकी |
उस दिन के बाद कभी कोई उसतरफ नहीं गया| और उन आवाजों का रहस्य आज भी बरक़रार हैं|