...

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सब्र का इम्तिहान 2
नई रोशनी दिखी है..
शायद गम के बादल हट जाए ...
दिए हर पल इम्तिहान ..
जिंदगी जीने के लिए..

निशा ने इसी को अपना नसीब मानकर शादी कर ली। कुछ दिन हँसी खुशी से बीत गए।निशा ने भी सारी जिम्मेदारिया संभाल ली थी।एक दिन निशा ने कुछ ऐसा सूना उसके पाँव तले जमिन खिसक गई।

निशा इसी सोच से और भी दुखी हो गई।उसके बाद ससुराल वालों ने निशा को अपने पिता से 5 लाख रुपये लाने के लिए मजबुर किया।वह इस विचार से और भी दबाव में आ गई उसके पिता की हालत किसी से छिपी नही थी।

सब जानते हुए भी ससुराल वालों ने पैसे की माँग क्यूँ की यही वह सोचने लगी।एक दिन उसने यह सूना की उसके पति की पहली पत्नि से तलाक लेने के लिए उन्होने रूपये की माँग की ।

निशा अपनी जिंदगी को कोस रही थी। इतना बड़ा सच उससे छिपाया गया ।
पहली पत्नी होने के बावजूद दुसरी शादी करना यह तो गुन्हा है ।पर बिचारी कर भी क्या सकती थी।

निशा जब ससुराल वालों के खिलाफ कुछ कहने की कोशिश करती तो वह अपने पिता के बारे में सोचने लगी ।जुल्म सहते सहते एक दिन निशा ने अपना जीवन समाप्त करना चाहा और फिर पीछे हो गई।

निशा का स्वाभिमान से जीने का सपना था वह तो सपना ही रह गया।घुट- घुट कर जीने से अच्छा उसने मरना पसंद किया।और इस तरह निशा ने अपने जिंदगी का अंत कर दिया।

निशा के जीवन की ज्योती ,
चरम-सीमा पर थी
उसने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई
पर वह आवाज दबा दी गई....

@piyu #love you jindagi#writco#