इश्क इबादत - 3
वैष्णवी की हालत कुछ ठीक न थी। ना ना कुछ नही हुआ था। अजी इश्क की बदहवासी छुपाए ना छुपे। उसने अपनी सारी क्लासेस पूरी की ओर जैसे कुछ हुआ ही नहीं ऐसे भाव चेहरे पर लिए दोस्तो से बतियाते खिलखिलाते हुए घर चली आई मगर वो दिल वही उसी बेंच पर छोड़ आई थी जहां विश्वास बैठा था। वो घंटो...