स्ट्रीट लाइट पार्ट- l
ये कहानी है राधिका की। राधिका उत्तराखंड के जिले चंपावत में देवीधुरा में रहती थी। राधिका के पिता का देहांत तभी हो गया था, जब वो सिर्फ, दो साल की थी। तभी से उस की माँ ने ही उसे पाला। उसकी माँ लोगों के घर का काम किया करती थी पर उसने कभी नहीं चाहा, कि उसकी बेटी भी ये सब करे। इसलिए उसकी माँ ने उसकी पढ़ाई के लिए हर संभव कोशिश की। घर पर बिजली ना होने की वज़ह से, राधिका शाम के बाद अपनी पढ़ाई सड़क पर, स्ट्रीट लाइट की रोशनी में करती थी। राधिका अपनी माँ से बहुत प्यार करती थी और उसको अपनी माँ का दूसरों के घर में काम करना बिलकुल पसंद नहीं था। इसलिये, वो अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देती और क्लास में हमेशा अव्वल आती। पढ़ाई के अलावा राधिका को कहानी लिखने का बहुत शौक था। एक दिन राधिका हमेशा की तरह शाम के समय अपनी पढ़ाई के लिए, सड़क के किनारे लगी स्ट्रीट लाइट के नीचे जाकर बैठ...