...

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दिल के अल्फाज
जानती हो..

हर रोज़ इंतज़ार करता हूं तुम्हारा..ठीक उसी तरह जैसे कोई मचला हुआ बच्चा अपने खिलौने का बेसब्री से इंतज़ार करता है...तुम महसूस कर सकती हो उसकी बेसब्री को???
हां मैं ये भी जानता हूं कि ये इंतज़ार बहुत लंबा चलेगा शायद तब तक ये दरख्त सूख जाएंगे , पहाड़ पिघलने लगेंगे , मेरी किताबो में रखे फूल मुरझा जाएंगे..मेरी मेज़ पर पड़ी तुम्हारे लिए लिखी कविताएं हवाओ में उड़कर तितर बितर हो जाएंगी...मेरी चेहरे की लालिमा झूर्रियों में तब्दील हो जाएंगी औऱ मेरे हाथों की कसावट कंपन में बदल जाएगी...
कभी सोचा है कितना मुश्किल होता है ऐसा इंतज़ार करना ये जानते हुए भी कि शायद तुम्हारा आना नामुमकिन है...
लेकिन सुनो ना ज़रा सी फुर्सत निकाल कर आना तुम
उन दरख्तों को फिर से हरा करने के लिए...मेरी किताबो में रखे गुलाबो को फिर से महकाने के लिए... उन बिखरी हुई कविताओं को फिर सहेजने के लिये... मेरी झुर्रियों को चूम कर इनमें हया की लाली लाने के लिए...मेरे कांपते हाथों को थामने के लिए....
बोलो ना आओगी तुम..??
मेरा ये इन्तज़ार मुकम्मल करने के लिये...??
नही आओगी!!मैं जानता हूं....
पर फिर भी मेरी नियति ही इन्तज़ार है...
मैं इन्तज़ार करूँगा....!!💜


@chaurasiya4386
#chaurasiya4386


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