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Jealousy ( ईर्ष्या)
#WritcoStoryPrompt121
Write a short story with the word "Jealousy" as the main theme.
अक्सर कई लोग ईर्ष्या को सिर्फ अच्छी भावना समझते है,उन्हें लगता है कि दो प्रेमियो में जब तक ईर्ष्या है तब तक उस रिश्ते में भाव हो ,परन्तु ईर्ष्या हद से ज्यादा होने पर एक दूसरे की स्वतंत्रता छीन लेती है। अच्छी कहानी भी दो ऐसे ही लोगों के बारे में है जिनकी छोटी सी ईर्ष्या उनका रिश्ता बहुत ही नाजुक मोड़ पर ले आती है।
आज की कहानी है श्रेयांश और निहारिका की। निहारिका श्रेयांश की पत्नी है। लगभग उनकी शादी को 5 साल हो चुके हैं । अभी तक तो उन दोनों का जीवन बहुत अच्छे से चल रहा था पर उनकी जीवन में कुछ ऐसा मोड़ आता है क्योंकि उनका जीवन बहुत ही उथल-पुथल हो जाता है ।
श्रेयांश हमेशा से एक डॉक्टर बनना चाहता था,परंतु उसकी लाख कोशिशें के बाद भी वह असफल रह जाता। अब उसने उम्मीद छोड़ दी थी और वह अपने बिजनेस में खुश होने लगा था। वहीं दूसरी और निहारिका जिसने पहले अटेम्प्ट में अपना नेट क्लियर कर लिया था। और उसे सरकारी कॉलेज भी मिल गया था। जब उसने यह खबर श्रेयांश को बताई तो उसे खुशी तो हुई, पर उसे अपनी पत्नी से थोड़ी बहुत जलन होने लगी, वह सोचने लगा कि मैं इतने सालों से ट्राई कर रहा हूं पर मुझे क्यों नहीं हुआ यह काम। शुरू में तो उसने खुशी-खुशी निहारिका को सपोर्ट किया। पर बाद में उसके मन में और ज्यादा इर्षा का भाव उत्पन्न होने लगा, अब जब निहारिका अपनी मेडिकल की पढ़ाई करने लगी थी तब उन दोनों के बीच में इसी बात को लेकर झगड़ा ज्यादा बढ़ने लगे। हेलो की निहारिका कभी भी ऐसा कोई भी काम नहीं करती थी जिसे श्रेयांश दुखी हो जाए, पर एक समय के बाद वह कितना ही सहती,अब उनके बीच झगड़ा और ज्यादा बढ़ने लगे थे। उन के झगड़े कब डाइवोर्स तक पहुंच गए पता ही नहीं चला। और वो लोग अलग रहने लगे डिवोर्स में अभी भी थोड़ा वक्त था।
फिर श्रेयांश की लाइफ में कुछ ऐसी घटना हुई कि उसे अपनी गलती का एहसास हुआ, और यह तब हुआ जब उसने अपने भाई और अपनी भाभी को देखा, उनके भाई और भाभी में झगड़ा हमेशा होते रहते थे, श्रेयांश का भाई उसकी पत्नी की बिल्कुल भी इज्ज़त भी करता था, उसके भाई की पत्नी ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थी वह सिर्फ एक हाउसवाइफ थी और उसकी यही चीज श्रेयांश के भाई को पसंद नहीं थी।, यूएन दोनो की शादी घरवालों ने करवाई थी,अपनी भाभी को इतना सब सहता देख उसे निहारिका के साथ हुआ अन्याय याद आने लगा,की कैसे जब श्रेयांश बार बार असफल हो रहा था ,तब भी निहारिका उसके साथ डटकर खड़ी रही, यह सब निहारिका की प्रार्थनाओं का और उसके विश्वास का ही असर था कि अब श्रेयांश कुछ बन चुका था, अल्लाह की श्रेयांश में कोई छोटा-मोटा बिजनेसमैन नहीं बल्कि शहर का नाम में बिजनेसमैन बन चुका था, अब श्रेयांश को भी समझ आने लगा था कि अगर वह डॉक्टर नहीं बन पाया तो क्या हुआ पर उसे अपनी पत्नी को उसके करियर से रुकना नहीं चाहिए था। श्रेयांश निहारिका से मिलने उसके घर जाता है, और उससे माफी मांगता है। निहारिका भी श्रेयांश के बिना नहीं रह पा रही थी इसलिए वह उसे माफ कर देती है और दोनों खुशी-खुशी वापस साथ रहने लग जाते हैं।
अक्सर हम ऐसे ही जलन के मारे अपने रिश्तों को खराब कर लेते हैं हमें हमेशा अपने रिश्तों पर ध्यान रखना चाहिए और कभी किसी और चीज को अपने रिश्ते में नहीं आने देनी चाहिए।
तो दोस्तों यह कहानी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं, मैं आपसे मिलेंगी कल एक नई कहानी के साथ ।
© Neelam saini