MOBILE RECHARGE-A SHORT LOVE STORY
में दुकान पर लगे कैलेंडर को गौर से देख रहा था,आज सोमवार 1 तारीख थी,मंद-मंद मुस्कान मेरे चेहरे से जा ही नहीं रही थी,क्योंकि जानता था की 29 दिन मैंने आज के कुछ पलों के लिए इंतजार किया था, मैं आज दूसरी बार इस दुकान पर जा रहा था।जब पहली बार गया था तब उसे देखा था,और बस देखता ही रह गया था।मेरी नजरें उस लड़की पर से हट ही नहीं रही थी,उसके गोरे चेहरे से समझदारी और परिपक्वता झलक रही थी,शायद इन्हीं कुछ कारणों की वजह से में उसके चेहरे को देखता ही रह गया था, उसके चेहरे और उसके हाव-भाव से वो लगभग 11-12 वीं कक्षा की छात्र दिखाई पड़ती है,मेरे मन ने यह अनुमान लगाना भी शुरू कर दिया था कि वह सिंगल है या भी नहीं,माँ कमरे में आई और चाय का कप टेबल पर रख कर बोली "आज क्या बात है बड़ी जल्दी में दिखाई पड़ता है "कुछ खास", (मेरा चेहरा अब भी आईने की तरफ़ ही था,मैं आईने के सामने खड़ा होकर अपने बाल जमा रहा था,और यह भूल ही गया कि माँ चाय लेकर अभी आती ही...