एक विनती
हे भोलेनाथ!
हे शिवशंकर!
हे परमेश्वर!
आप इस माया से मुझे छुड़ाओ।
मैं अपनी शक्ति से छूट नहीं सकता।
आप कहते हैं कि तुम्हारे में शक्ति है, पर हमें ऐसी शक्ति दिखती नहीं ।
आपमें अपार, अनन्त, असीम शक्ति है, जिसका कोई पारावार नहीं है। ऐसी शक्ति के होते हुए मैं माया पर आशक्त हो गया।
आप जरा सोचो।
आप पिता हो न ? पिता को सोचना चाहिए न ?
पुत्र की...
हे शिवशंकर!
हे परमेश्वर!
आप इस माया से मुझे छुड़ाओ।
मैं अपनी शक्ति से छूट नहीं सकता।
आप कहते हैं कि तुम्हारे में शक्ति है, पर हमें ऐसी शक्ति दिखती नहीं ।
आपमें अपार, अनन्त, असीम शक्ति है, जिसका कोई पारावार नहीं है। ऐसी शक्ति के होते हुए मैं माया पर आशक्त हो गया।
आप जरा सोचो।
आप पिता हो न ? पिता को सोचना चाहिए न ?
पुत्र की...