बचपन का वादा
CHAPTER 14
मानवी अपने कमरे में जाते ही देखती है कि निशा अलमारी खोलकर अपने नये कपड़े निकाल कर देख रही थी ।
मानवी : तुम क्या कर रही हो ।
निशा : मैं कपड़े चूज कर रही हूँ।
मानवी : किसलिए ❓
निशा : आपको नही पता 𝟭𝟰 फरवरी आ रहा है ।
मानवी : क्या है 𝟭𝟰 फरवरी को ❓
निशा : अरे मेरी भोली बहन तुम इतना भी नही पता इसलिए मैं बोलती हु , कभी किताबे हटा कर देखा करो कि दुनिया में क्या क्या होता है ।
मानवी : पहेलिया बुक्षाना बंद करो और मुझे बताओ क्या है 𝟭𝟰 फरवरी को ❓
निशा : खुश होते हुए बोलती है 𝟭𝟰 फरवरी को वेल्टाइन डे है।
मानवी : अच्छा वेल्टाईन डे है है भी तो क्या हुआ इतना खुश क्या जरूरत है।
निशा : क्या जरूरत है तुम नहीं समझोगी उस दिन सारे प्यार करने वाले एक दूसरे के साथ रहेंगे , प्यार भरी बातें करेंगे, केन्डल नाइट डिनर पर जाते है...
मानवी अपने कमरे में जाते ही देखती है कि निशा अलमारी खोलकर अपने नये कपड़े निकाल कर देख रही थी ।
मानवी : तुम क्या कर रही हो ।
निशा : मैं कपड़े चूज कर रही हूँ।
मानवी : किसलिए ❓
निशा : आपको नही पता 𝟭𝟰 फरवरी आ रहा है ।
मानवी : क्या है 𝟭𝟰 फरवरी को ❓
निशा : अरे मेरी भोली बहन तुम इतना भी नही पता इसलिए मैं बोलती हु , कभी किताबे हटा कर देखा करो कि दुनिया में क्या क्या होता है ।
मानवी : पहेलिया बुक्षाना बंद करो और मुझे बताओ क्या है 𝟭𝟰 फरवरी को ❓
निशा : खुश होते हुए बोलती है 𝟭𝟰 फरवरी को वेल्टाइन डे है।
मानवी : अच्छा वेल्टाईन डे है है भी तो क्या हुआ इतना खुश क्या जरूरत है।
निशा : क्या जरूरत है तुम नहीं समझोगी उस दिन सारे प्यार करने वाले एक दूसरे के साथ रहेंगे , प्यार भरी बातें करेंगे, केन्डल नाइट डिनर पर जाते है...