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शहीद जवान की पत्नी
शहीद जवान कहता है****
सुनो तुम मुझे क्या महसूस कर सकती हो
मैं तुम्हारे आसपास ही रहता हूं जो नष्ट हुआ वो तो मेरा शरीर था मैं तो अमर हूं फिर क्यों तुम आंसू बहा रही हो
तेरा मेरा तो जन्मों का नाता है ऐसे न टूटने दूंगा मैं
तेरी रूह में सांस बनकर दौड़ूंगा मैं तुम्हारी खुशी में हर पल नजर आऊंगा मैं
जो तुम्हारे तन पर सफेद साड़ी है जो तुझको मुझसे दूर होने का एहसास कराती है उसको तुम त्याग दो मेरे प्यार भरे लाल जोड़े को पहन कर मुझ से दो-चार बातें तो कर लो
अपने बंद होठों की पंखुड़ियों को खोलकर मेरे दिल से मुलाकात तो कर ले मैं तुम्हे हर पल यूं ही हंसता हुआ देखना चाहता हूं सुन रही हो ना तुम
तुमसे बिछड़ने के बाद उस रब से मेरी मुलाकात हुई मैंने कहा मेरी जान तो धरती पर है वो मेरे बिना भला कैसे जी पाएगी
रब *****
रब ने कहा तू जाकर उसको अपने होने का एहसास दिला और अपने मीठे बोल से सच्चाई का हाल समझा
उसको फिर से जिंदगी जीने का एहसास दिला जाना आना तो सभी को है उसको इस गम से आजाद कर दो उससे कहे कि तुम बहुत प्यार करते हो उसे
शहीद जवान*******
सुनो तुम मेरी कब्र पर फूलों का बगीचा लगाना उन फूलों को हर रोज अपने बालों में सजाना मैं खुशबू की तरह तेरे साथ रहूंगा
तुम उन फूलों का रंग अपने जीवन में भर लेना
तुम अपनी सूनी मांग को किसी की चाहत से भर लेना क्योंकि तुम्हें हक है
यह जो बिंदी भी तन्हा सी है इसे अपने माथे पर लगाओ अपनी आंखों की लालिमा को त्याग कर अपने कोमल गालों पर सजाओ अब ठीक है बहुत हुआ
अपने उस नादान दिल को और ना सताओ तुम
उसे फिर से किसी और के लिए धड़कन सिखाओ तुम
अपने पायल की छन-छन कंगनों की खनखन फिर से सुनाओ तुम
क्योंकि मैं हमेशा तुम्हारे आसपास रहूंगा इसलिए मुस्कुराओ तुम
सुनो सुन रही हो
अपनी जिंदगी से यूं नाराज मत हो वो तुमसे मिलने को तरस रही है तुम उससे थोड़ी बात तो करो
मौत तो सभी को आनी है फिर तुमने मायूसी को खुद में क्यों राम ली है
इस तन्हाई को छोड़ दो
खुशियों से नाता जोड़ लो
तू जिंदा है तो जी
जीते जी ये कफन ओढ़ना छोड़ दे
सारी खुशियों का रुख अपनी तरफ मोड़ लो
अपने दोनों बाहों को फैलाकर खुले आसमान के तले अपनी जिंदगी को जी ले
क्योंकि वही तुम्हारी मंजिल है ।।
© Mamta