एक अलौकिकता की खोज व दास्तान भाग-24३
इस बात का परिणाम की अगर उनके अस्तित्व की आसीमता स्त्रीत्व शून्य होकर प्रेम काव्य में उपस्थित है तो फिर इस कलि के कलियुग के कलियौता में अगर अस्तित्व की आसीमता व खोज का इच्छा व स्वार्थ से ग्रस्त होकर उसका वास्तविक परिमाण शून्य के रूप रूपांतरण चित्रण चित्रक आश्य स्पष्ट हुआ इसका तात्पर्य यह है किइस कलि के कलियुग के कलियौता में असत्यता के अस्तित्व की आसीमता अपने वास्तविक आसीमता से प्रभावित होकर वर्जित पाईं गईं।जिसका स्पष्टीकरण देना बहुमूल्य है ताकि हम उस...