...

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मोहब्बत मां हैं
मोहब्बत पहला हक मेरी मां का
दूजा भी लिख दू उन्हीं के नाम का

मोहब्बत से बड़ी कोई ताकत नहीं
वो जो चाहे उनसे बड़ी इबादत नही

किया नही जा सकता उनकी मोहब्ब्त को बयान
जो बता दे सारा ज्ञान मेरे पास शब्द नहीं

हर मुस्किल से लड़ना उसे आता है
जो रोक ले उन्हे ऐसा कोई बंधन नहीं

अंधेरे के बाद मेरा सवेरा अच्छा हो
इसीलिए उठकर मुझसे पहले हर अंधेरे से लड़ती है वही

मां के प्रेम से बढ़कर कोई प्रेम नही
जो हर परेशानी दूर करदे कोई दूजा नही

मेरी लंबी उमर की दुआ करती है
अपनी उमर मेरे हिस्से में देकर
जीवन का सत्य बता दे उनसे उपर कोई सहलाहकार नही
मुझपर है इनका विश्वास मेरे पास है उनका साथ
किसी और अपना बनाऊं ऐसा जरूरी तो नहीं

जिसकी हर स्वांस में हम बसे
जो जीती है मां हमारे लिए और कोई नही

मोह माया सौंदर्य सब त्यागा
जीवन मिला जिससे वो मां सर्वव्यापी विधाता
© मारवाड़ी