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बेमिसाल इश्क
सोना के मम्मी पापा बचपन में ही सोना को छोड़कर चल बसे थे अब सोना अपने एक रिश्तेदार के घर रहती थी ।
वह उन्हें ताई और ताऊ जी कहती थी उनका एक बेटा था जिसका नाम समीर था लेकिन सब उसे शमी कहते थे सोना और समी साथ-साथ स्कूल जाते थे दसवीं की परीक्षा दोनों ने साथ पास की ।गांव में सिर्फ दसवीं तक का स्कूल था सोना समी से बहुत प्यार करती थी वह दोनों साथ-साथ बड़े हुए थे तो दोनों साथ साथ रहते थे ताई ने अब उन्हें आगे पढ़ने से मना कर दिया क्योंकि उनके पास इतने पैसे ना थे कि वह उन्हें शहर के स्कूल में पढ़ा सकें और गांव में आगे कोई स्कूल ना था लेकिन समी डॉक्टर बनना चाहता था सोना उससे कहती थी तू है ही डॉक्टर जैसा तुझे डॉक्टर ही बनना चाहिए क्योंकि समी बिल्कुल गोरा चिट्टा था अंग्रेजों जैसा वह देखने मे बहुत सुंदर लगता था जबकि सोना इतनी सुंदर ना थी लेकिन वह दोनों एक दूसरे के सच्चे साथी थे उसके पापा ने कहा की उनके पास पैसे नहीं है वह उसे नहीं पढ़ा सकते इसीलिए कल से वह भी काम पर उनके साथ जाएगा ।
समी मानने को तैयार ना था उसने खाना पीना छोड़ दिया सोना से उसका यह हाल देखा न गया और उसने वह जेवर लाकर जो उसकी मां ने उसके लिए रखे थे ताई को दे दिए और कहा ताई इन्हें बेचकर शमी का शहर के स्कूल में दाखिला करा दो ताई बोलने लगी बेटा यह तुम्हारी मां की निशानी है तुम्हारे शादी में काम आएगी लेकिन सोना बोली ताई जब समी बड़ा डॉक्टर बन जाएगा ना तब वह जेवर मुझे खरीद कर दे देगा ।
इस प्रकार शमी का शहर के स्कूल में दाखिला हो गया ।शमी सोना का बहुत शुक्रगुजार था बार-बार उसका शुक्रिया अदा कर रहा था लेकिन सोना हंसी और कहती जब तू बड़ा डॉक्टर बन जाएगा ना तब मुझे मेरे जेवर लाकर दे देना। मेरा सब कुछ तेरा ही तो है सनी तू जानता है ना और तुम मुझे भूल मत जाना शहर जाकर मैं हर पल तेरा इंतजार करूंगी सनी कहने लगा पगली कैसी बातें कर रही हो मैं तुम्हें भला कैसे भूल सकता हूं तुम तो मेरी जान हो मैं तुम्हें बिल्कुल नहीं भूलूंगा और समी शहर चला गया अपने साथ सोना की हंसी भी ले गया ।
सोना को हर पल वह याद आता था ताई उसे बहलाती ताई जानती थी कि सोना समी से इस कदर प्यार करती थी शमी के खर्चे के लिए उसने सिलाई शुरू कर दी वह लोगों के कपड़े सीती और पैसे जोड़ जोड़ कर समी को भेज देती कुछ पैसे ताई को देती ताई उससे कहती मेरे बच्चे इतनी मेहनत मत किया कर सोना की आंखों में आंसू आ जाते वह कहती ताई मुझे हर पल वह याद आता है इसीलिए मैं अपने आपको मशरूफ रखती हूं ताकि उसकी याद मुझे कम आए।
1 साल गुजर गया और समी छुट्टियों में अपने घर आया वह सब से मिला और सोना से सबसे बाद में मिला सोना उसे छुप छुप कर देख रही थी अब तो वह पहले से भी सुंदर हो चुका था अब भी वही कह रहा था कि तुम्हारी वजह से ही डॉक्टर बन सकूंगा तुम्हारा एहसान जल्दी उतार दूंगा लेकिन सोना कहने लगी समी तुम पहले डॉक्टर तो बन जाओ समी उसके बाद तुम चाहे जो करना उसके बाद तो मैं अपने सारे एहसान खुद ही उतार लूंगी यह कहकर वह खुद ही शर्मा गई।
वह घंटो बातें करते औणर समी की छुट्टियां पूरी हो गई वह बहुत सारे वादे सोना से करके शहर चला गया अब समी छुट्टियों में भी नहीं आता था कभी कभी एक दो दिन को आता और चला जाता ।
5 साल बीत गए और वह पूरा डॉक्टर बन गया आज वह अपनी डॉक्टर की डिग्री लेकर शहर से आ रहा था ताई ने पूरा घर सजाया था और शमी के पसंद के खाने बनाए थे कि उनका बेटा डॉक्टर बनकर वापस आ रहा था सोना भी बहुत खुश थी उसके तू पैर ही जमीन पर नहीं टिक रहे थे उसका दिल अजीब लें में धड़क रहा था आखिर कार वह पल आगया इंतजार की घड़ियां खत्म हो गई और समी ने घर में कदम रखा ताऊ ताई ने उसके गले में फूलों का हार पहनाया लेकिन सोना सामने ना आई सोना को लग रहा था कहीं उसकी नजर उसके समी को ना लग जाए उसने चोरी चोरी से देखा वह बहुत सुंदर हो चुका था सुंदर तो पहले ही था लेकिन शहर की आबोहवा ने उसका रंग रूप और निखार दिया था ऐसा लग रहा था कोई अंग्रेज हो वह सब से मिला गांव वालों से गांव वाले बहुत खुश थे और हर कोई इसकी तारीफ कर रहा था लेकिन उसने सोना का एक बार भी ना पूछा सोना को बहुत दुख हुआ उसने सोचा शायद वह सबके सामने उससे मिलना नहीं चाहता वह उसे चोरी-चोरी देखती रही आखिरकार उससे सब्र नहीं हुआ और सब चले गए वह उसके सामने आ गई समी कहने लगा देखो सोना मैं डॉक्टर बन गया यह सब तुम्हारे एहसान है अब मैं एक अस्पताल खोलूंगा और सबसे पहले तुम्हारे पैसे दूंगा और तुम्हारी शादी किसी अच्छी जगह करूंगा यह मेरा वादा है सोना का दिल टूट गया वह उससे क्या सुनना चाहती थी और वह क्या सुना रहा था लेकिन समी मैं तो तुम्हारे नाम से जीती हूं मैं शादी किसी और से क्यों करूंगी।
सोना पागलपन छोड़ दो तुम मेरे लायक नहीं हो तुम अनपढ़ हो और मैं एक डॉक्टर अपना और मेरा जोड़ देखो मुझ में और तुममे धरती आसमान का फर्क है और वैसे भी वहां पर मुझे एक लड़की मिली है वह भी डॉक्टर है हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं और मैं उससे ही शादी करूंगा जल्दी मैं उसे शादी करके ले आऊंगा और फिर लेकिन पहले मैं तुम्हारी शादी करूंगा शायद उसे तुम्हारा यहां रहना पसंद ना आए ।नहीं समी मैं शादी नहीं करूंगी तुम चाहे जिस से शादी करो मैं नहीं रोकूंगी लेकिन मैं अपनी शादी नहीं करूंगी और यह मेरा आखिरी फैसला है सोना तुम पागल हो चुकी हो मैं तुम्हें इस तरह नहीं रख सकता तुम जवान हो चुकी हो बच्ची नहीं हो समी अपने लफ्जों से सोना का दिल छलनी कर रहा था और वह उसका यह रूप देख रही थी और हां सोना तुमने जो जेवर मां को बेचने के लिए दिया था मैं तुम्हें तुम्हारी शादी पर इससे भी अच्छा जेवर बनवा कर दूंगा सोना की आंखों से आंसू बह रही थी वह जिस के लिए वह पल पल दुआएं करती थी और हर पल उसी की कामयाबी की दुआएं मांगती थी जिसको वह नजर भर कर देखती भी ना थी कहीं उसे उसकी नजर न लग जाए वह आज उसका दिल अपने लफ़्ज़ों से बार-बार तोड़ रहा था सोना ने कहा शमी मैं शादी नहीं करूंगी और मैं तुमसे कह रही हूं और मैं जानती हूं मैं तुम्हारे लायक नहीं हूं तुम अगर चाहते हो कि तुम्हारी बीवी के आने पर मैं उससे दूर रहूं तो मैं उससे दूर रहूंगी कभी भी उसके सामने नहीं आऊंगी लेकिन मैं अपना दिल अपना मन किसी और के नाम नहीं कर सकती इस पर सिर्फ तुम्हारा नाम लिखा है और तुम्हारा ही रहेगा और यही मेरा आखिरी फैसला है सुना तुम बिलकुल पागल हो चुकी हो मैं तुम्हें इस घर से जरूर विदा करूंगा यह मेरा वादा है तुमसे और तुम हमेशा खुश रहोगी तुम मुझे भूल जाओ अपनी शादी के बाद जब मैं आगे बढ़ रहा हूं तुम्हें भी तो आगे बढ़ना चाहिए और वैसे भी तुम्हें मुझसे मोहब्बत है मुझे नहीं मैं तो सिर्फ तुम्हें अपनी दोस्त मानता था उसके सामने ही अपने वादों से मुकर रहा था शहर की आबोहवा ने उसका रंग रूप तो बदला ही था उसका दिल भी बदल दिया था यह कहकर में जा चुका था और सिर्फ सोना पुतले की मानिंद खड़ी रह गई ।
अगले दिन समी सोना के लिए रिशता तलाश करने निकल पड़ा वह चाहता था कि सोना की शादी जल्द से जल्द हो जाए लेकिन वह यह नहीं जानता था कि सोना मर तो जाएगी लेकिन कभी अपना आप किसी और के नाम नहीं करेगी ।
सोना रोटी बना रही थी उसके हाथ में बेलन था जिससे वह रोटी बेल रही थी अचानक उसके दिल में दर्द उठा और वह वही फैल गई उसकी आंखों में आंसू थे शायद उसकी मोहब्बत की हार के आंसु उसकी मोहब्बत हार गई थी उसका इश्क बेमिसाल इश्क हार गया था उसने कभी कोई चाहत ना रखी थी खुदा से कुछ नहीं मांगा था सिर्फ समी की कामयाबी मांगी थी उसकी खुशी मांगी थी उसने ही उससे उसकी जिंदगी छीन ली थी ताई दौड़ कर आई मेरी बच्ची क्या हुआ तुझे वह गहरे गहरे सांस ले रही थी ताई ने उसे उठा कर चारपाई पर लिटाया और जल्दी से सनी को बुलाने दौडी सोना की सांसे मध्यम चल रही थी उसकी सांस उखड़ रही थी वह धीरे-धीरे मर रही थी लेकिन शायद आखरी बार समी को देखना चाहती थी इसलिए अभी तक उसने अपनी आंखें बंद नहीं की थी सनी दौड़ा दौड़ा आया उसे देखते ही सोना के लब मुस्कुराए और धीरे से उसने अपनी आंखें बंद कर ली समी तो हक्का-बक्का रह गया था ।सोना को दिल का दौरा पड़ा था उसकी दिल की धड़कन अचानक बंद हो गई थी आज समी की आंखों में भी आंसू आ गए सोना का अंतिम संस्कार किया गया ।
सोना को गुजरे हुए 1 दिन हो गया था समी को हर पल सोना याद आ रही थी वह उठ कर सोना के कमरे में गया उसकी चीजें देखने लगा वहां एक डायरी रखी हुई मिली वह धीरे-धीरे उसकी डायरी पढ़ने लगा सोना अपने दिल की तमाम बातें उस डायरी में लिखती थी वह समी से कितना प्यार करती थी इस डायरी में लिखा हुआ था उसने आखरी पेज खोला उस पर लिखा हुआ था समी मुझे तुमसे यह उम्मीद ना थी तुम जानते हो मेरा दिल जब भी धड़कता है सिर्फ तुम्हारा ही नाम लेता है और तुम इतने बदल जाओगे मुझे यह भी उम्मीद ना थी तुमने सही कहा मैं तुम्हारे लायक नहीं हूं कहां तुम शहर के पढ़े-लिखे डॉक्टर खूबसूरत लड़के हो और कहां मैं गांव की अनपढ़ गवार भला दसवीं भी कोई डिग्री होती है तुम्हें तो कोई डॉक्टर ही मिलनी चाहिए जैसे-जैसे समीर उसके डायरी पढ़ रहा था उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे आगे लिखा हुआ था सनी मेरी धड़कन पर मेरे वजूद पर मेरी सांसो पर सिर्फ तुम्हारा हक था यह हक मैं तुम्हें किसी और को नहीं देने दूंगी और तुम दिल के डॉक्टर होना तुम मेरे दिल का हाल भी ना जान सके तुम यह भी न जान सके एक दीवानी सी लड़की तुम्हारे लिए पागल है जिसने तुम्हें कामयाब देखने के लिए दिन रात मेहनत की तुम उसकी दिल की धड़कन ही न समझ पाए तुम कहते हो ना तुम मुझे अपने हाथों से विदा करोगे तो हां तुम मुझे अपने हाथों से जरूर विदा करोगे लेकिन दुल्हन बनाकर नहीं कफन में लपेट कर तुम जानते हो मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकती।
जबसे तुमने मुझे यह बताया है कि तुम किसी और से शादी करना चाहते हो मेरे दिल में दर्द उठने लगा है और मैं नहीं चाहती इस दर्द का इलाज हो मैं चाहती हूं इस दर्द के साथ ही दुनिया से चली जाऊं
मेरी दुआ है तुम हमेशा खुश रहो लेकिन मुझे अफसोस हुआ यह जानकर के तुम दिल के डॉक्टर होकर भी दिल के हाल न समझ पाए समी हैरान भी था और शर्मिंदा भी था उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे क्या वह मुझसे इतना प्यार करती थी । आज वह उसकी मोहब्बत समझ पाया था उसके जाने के बाद उसकी कदर मालूम हुई थी अचानक उसे फोन आया कॉल की दूसरी तरफ वह लड़की थी जिससे समी शादी करना चाहता था डॉक्टर इनाया उसने कहा समीर मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती मुझे तुम से भी सुंदर और तुमसे भी काबिल एक लड़के ने प्रपोज किया है और मैंने उसे हां बोल दी है यह कह कर उसने कॉल काट दी समी कुछ नहीं बोला था जानता था यह सिर्फ सोना का दिल तोड़ने की सजा है और जिंदगी भर उसे यह सजा भुगतनी थी आज एहसास हो रहा था के मैं सच में अच्छा डॉक्टर नहीं था दिल का डॉक्टर वह सोना के दिल का हाल नहीं समझ पाया था उसे अपने हाथों से कब्र में उतारकर उसने एक वादा तो निभाया था सोना को अपने हाथों से विदा करने का वादा उसने सोना के बेमिसाल इश्क और अनमोल मोहब्बत को भी दफना दिया था और अब वह पछता रहा था और अब से पछताना ही था जिंदगी भर।