...

3 views

कहानी कर्म की
छोटी सी कहानी
एक व्यक्ति अपने कर्मों की बोझ भरी गठरी से परेशान होकर भटक रहा था।
फिर वो भगवान के द्वार आया , कि ज़रूर इन कर्मों की गठरी से भगवान मुझे मुक्त कर देंगे।
वो भगवान से हाथ जोड़कर बोला, ‘भगवान इस मेरे कर्मों की गठरी को ख़त्म कर दो.’
भगवान बोले, ‘एक दिन मैं भी , तेरी तरह से कर्मों की गठरी से बोझिल था, मैं भी तेरी तरह भगवान के सामने गया था , जो उन्होंने मुझे कहा था वही मैं कहता हूँ सुन.’
“जो ये कर्मों की गठरी तूने बाधी है तो तू ही इसे कम कर सकता है ,तूही ही इसे ख़त्म कर सकता है, मैं इसमें कुछ नही कर सकता तेरे कर्मों को ख़त्म करने की शक्ति तेरे ही पास है।”
‘पर कैसे भगवान ?’
“मेरी तरफ ध्यान से देख मेरे भावो को समझने की कोशिश कर,
मेरे बताये नियमों पर चल कर इन कर्मों की गठरी से तू एक दिन आज़ाद हो जायेगा.”