...

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भोली कि दर्द भरी दास्तां
मेरा नाम भोली ..मै करती रहतीं दिन भर शैतानी।।
रोज मेरे वजह से मेरी माता-पिता परेशान हो जाती।
एक दिन जब मैं खेल रही थी खेत में तो मैं कहीं से किसी के आने की आवाज सुनाई दे पाऊं कि,
पर मैंने अनदेखा कर दिया सोचा कोई होगा जंगली जानवर में खेलने लग गई अपने खेल में....
आते होए कुछ मनचले युवक जो थे अमीर घर के पर रोज चलते जाते कई मासूम को अपना शिकार बनाने।
उसमें से मैं भी बन गई इन लोगों कि
आ कहा कि
अरे गुड़िया: किया कर रही हू..
मैं थोड़ा डरी पर बोली भैया कुछ नहीं
देखो मैं खेल रही हूं
दिखाई दे रहा तो भी पूछते हू
हां हां.. गुड़िया माफ़ करना।।
पर क्या खेल रही हूं...
मैं सभी पेड़ पौधों में पानी डाल उनसे बातें कर उनके लिए खाद बन बनकर और उनके साथ बातें कर खेल रही हो।।
भैया ने बोला मेरे साथ एक खेल खेलूंगी
बहुत अच्छा लगेगा
मैं कोनसा
मैं सोची फिर बोली आपको मैं नहीं हों और मां पापा बोलते हैं अंजान लोगों के साथ बात नहीं करना...