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शर्त
#शर्त

चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा। फिर यहां से शुरू हुई होड़ दोनों के बीच। आंनद ना नहीं कह पाया क्योंकि वह चंदन का व्यवहार जानता था कि अगर वह यह शर्त नहीं पुरा किया तो शर्त के मुताबिक उसे चंदन की गुलामी करनी पड़ेंगी जो वह नहीं चाहता था। आंनद ने शर्त स्वीकार कर लिया था लेकिन उसे डर था। उसे डर चंदन से नहीं किंतु हवेली के सिपाही से थी। वह हवेली एक रिटायर्ड फौजी का था। वह बहुत डरावना था। बच्चे लोग उसे पसंद नहीं करते थे और वह खुद भी बच्चों को समझता नहीं था। कोई क्रिकेट का गेंद अगर हवेली पर चली जाए तो वह सारी गेंद अपने साथ रख लेता था और बदले में खूब मारता था। ऐसी अफवाह फैली हुई थी। अब यह बात कितना सच है ये कोई नहीं जानता था। लेकिन वह फौजी का नाम पुरी गली-मोहल्लों में...