...

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काश,,,!,,,?

हैं भर भर पीते ऑंखों से पैमाना हमने तोड़ दिया।
ये मत पूछो कब कब पीते और कब कब पीना छोड़ दिया,,,,


इसलिए,,,,
कुछ कह दीजिये, बोल लीजिए,
कर लीजिए अपना मन खाली .....
कुछ देर के लिए भूल जाइए लोग क्या कहेंगे दुनिया क्या सोचेगी, सुनने वाला क्या समझेगा ......

अपनी सेल्फ रेस्पेक्ट अपनी ईगो अपना स्टेटस अपना ओहदा,
सब भूल कर अपने मन का कह दो .....ये दुनिया है ये जीते जी मजाक भी बनाएगी तमाशा भी करवाएगी लेकिन मरने के RIP भी यही लिखेगी .....

यकीन मानिए बस चंद दिनों की बाते है ये
आपको जीते जी भी भूल जाएगी और मरने के बाद भी ........

इसलिए कोई भी अपनी जिंदगी को इतने दबाव में मत रखिये कि उसका अंत दुखदायी हो .......

उसका अंत एक #"काश" हो ....

कि #काश मैंने कह दिया होता या
काश मैंने उसका सुन लिया होता

क्योंकि जब तक ये #काश आता है

सब खत्म हो चुका होता है तब
सिर्फ लकीर पीटना रह जाता है
और सब खाली ........
रह जाता है तो बस
एक,,, #काश,,,,,,
इस
भीषण समय में...
हर कोई बचा रहा है
कुछ ना कुछ...!
गौरैया बचा रही है
दाना और पानी ,
लोग बचा रहे हैं
अपना घर,रिश्ते और सामान ,
सब बचा रहे हैं
कुछ ना कुछ ...!
मुझे भी बचाना चाहिए था, शायद
#काश !
मैं भी बचा पाता..
तुम्हारा प्रेम !💔


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