❤ दो बालीया प्रीत वाली ❤
....आज कुछ अजिब सा किस्सा हो गया मेरे साथ जब हम आंगण मै पौधों को पाणी दे रहे थे ; कही साल पुराना एक किस्सा याद आया ॥ कुछ यादें कही साल पीछे चली गयी
मानो वक्त ने हमको थाम रखा हो ! और उस वक्त की तरफ बढ़ते ही जा रहे बढते ही जा रहे पर वहा से सिर्फ एक चीज नजर आयी मूज्को जीस्को मेह्सूस कर दुनिया की हर वो चीज हर वो काय्नात छोटी पड़ गयी ! और हम डूब गये तेरी रन्गिलि प्रीत की गली मै ❤ ❤ ❤ ❤
दिन था ईत्वार का और हम जा रहे थे बजार साथ मै हमारी छोटी बेह्न अनघा थी ! दोनो गपशप लढाकर जा रहे बाजार की ऊन छोटी गलीयो से रास्ते मै दिख पडा एक गोल ग्प्पे वाला तो हम दोनो बेह्णौ ने अपने कदम उस ठेले की और चल दिए जिने देखकर हमारा मुंह पाणी से भर गया ॥ ह्मणे गौल्ग्प्पे वाले चाचा से हम दोनो बेह्णौ के लिए गोल ग्प्पे की प्लेटेस लगाने के लिए बोली तभी पीछे से एक भारी भरकम आवाज आयी ॥ ओय चाचा की हाल दा तेणू....सब च्न्गा चल रहा न हम अन्च्भ से पीछे की तरह मूडे बालो की लट को गालो से अलग किया तो देखा एक बहुत ही कद से ठीक ठाक देखणे मै गोरा चित्ता आंख मै गॉगल हाथ मै घडी हलकी गुलाबी रंग की शर्ट काली रंग की पँट और दो हाथों मै...
मानो वक्त ने हमको थाम रखा हो ! और उस वक्त की तरफ बढ़ते ही जा रहे बढते ही जा रहे पर वहा से सिर्फ एक चीज नजर आयी मूज्को जीस्को मेह्सूस कर दुनिया की हर वो चीज हर वो काय्नात छोटी पड़ गयी ! और हम डूब गये तेरी रन्गिलि प्रीत की गली मै ❤ ❤ ❤ ❤
दिन था ईत्वार का और हम जा रहे थे बजार साथ मै हमारी छोटी बेह्न अनघा थी ! दोनो गपशप लढाकर जा रहे बाजार की ऊन छोटी गलीयो से रास्ते मै दिख पडा एक गोल ग्प्पे वाला तो हम दोनो बेह्णौ ने अपने कदम उस ठेले की और चल दिए जिने देखकर हमारा मुंह पाणी से भर गया ॥ ह्मणे गौल्ग्प्पे वाले चाचा से हम दोनो बेह्णौ के लिए गोल ग्प्पे की प्लेटेस लगाने के लिए बोली तभी पीछे से एक भारी भरकम आवाज आयी ॥ ओय चाचा की हाल दा तेणू....सब च्न्गा चल रहा न हम अन्च्भ से पीछे की तरह मूडे बालो की लट को गालो से अलग किया तो देखा एक बहुत ही कद से ठीक ठाक देखणे मै गोरा चित्ता आंख मै गॉगल हाथ मै घडी हलकी गुलाबी रंग की शर्ट काली रंग की पँट और दो हाथों मै...